जिराफ और मनुष्य की गर्दन में हड्डियां बराबर होतीं हैं तो फिर लम्बाई में अंतर क्यों / #सरलSCIENCE

Bhopal Samachar
श्रीमती शैली शर्मा। जिराफ पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे लंबा प्राणी है। विज्ञान की भाषा में इसे सबसे लम्बा स्तनपाई जीव ( tallest mammal) कहते है परंतु आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिराफ़ की गर्दन भी कभी घोड़े जैसी ही थी। मजेदार बात यह है कि सभी प्राणियों (स्तनपाई जीवों) की गर्दन में 7 कॉलर बोन यानी ( 7 Survical vertebrae) पाई जाती हैं। जो सिर को रीढ़ की हड्डी से जोड़ने का कार्य करती हैं। प्रत्येक प्राणी की गर्दन (neck) में 7 ही सर्वाइकल bones पाई जाती हैं। चाहे छोटे से छोटा जीव हो या बड़े से बड़ा।

जिराफ की गर्दन लंबी होने का क्या कारण है? 

इसको जानने के लिए विकास की प्रक्रिया यानी (Process of evolution)  को  जानना जरूरी है। जब जिराफ की उत्पत्ति हुई तो उस समय जिराफ़ की गर्दन भी घोड़े जैसी थी परंतु उसके भोजन के लिए उसकी ऊंचाई के अनुरूप पेड़-पौधे उपलब्ध नहीं थे। बल्कि उस समय बहुत ही लंबे-लंबे पेड़-पौधों की उत्पत्ति हुई थी, जिन्हें अनावृतबीजी या (Gymnosperm) कहा जाता है।

बहुत कम लोग जानते हैं कि जिराफ की जीभ भी बहुत लंबी होती है जो ऊंचे-ऊंचे पेड़ों से पत्तियों को पकड़ने में मदद करती है।

Charles Darwin की theory of natural selection (प्राकृतिक चयन वाद के सिद्धांत ) के अनुसार चूँकि जिराफ पूर्णतः शाकाहारी जीव है, वह मांस नहीं खा सकता। इस कारण उसे उन्हीं ऊंचे पेड़ों की पत्तियों को खाना पड़ा। जिसके लिए उसे अपनी गर्दन लम्बी करनी पड़ी और यह​ अभ्यास पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहा। नतीजा जिराफ की गर्दन इतनी लम्बी हो गई। 
लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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