भूख और प्यास का पता कैसे चलता है, इंसानी शरीर की इंजीनियरिंग समझिए / #सरलSCIENCE

Bhopal Samachar
मेडिकल साइंस के अनुसार भूख और प्यास का एहसास होना एक स्वतंत्र क्रिया है। जिसे मनुष्य खुद नियंत्रित नहीं कर सकते। भूख और प्यास का केंद्र मस्तिष्क के एक हिस्से में स्थित होता है। जो समय-समय पर सूचनाएं भेज कर हमें भूख और प्यास का एहसास कराता है।

आइए जानते हैं भूख और प्यास क्या है? 

भूख (Hunger/ Appetite) - यदि साधारण भाषा में कहें तो भोजन ग्रहण करने की अंतर्निहित इच्छा को भूख कहा जाता है। जब हमारे शरीर में संचित भोजन या (stored food) की मात्रा कम होने लगती है तो हमारा पेट इसकी सूचना मस्तिष्क को देता है और हमें जो अहसास होता है, उसे भूख कहते हैं। 

प्यास (Thirst) - जल ग्रहण करने की इच्छा को प्यास कहा जाता है। जब हमारे मुंह में लार या (Saliva) की मात्रा कम हो जाती है तथा मुंह और गला सूखने लगता है, तो वह मस्तिष्क को पानी की कमी की सूचना भेजता है और हमें जो अहसास होता है, उसे प्यास कहते हैं। 

आइए अब सरल साइंस की भाषा में समझते हैं

सबसे पहले यह जानना होगा कि हमारे गले में दो प्रकार की नलिया या मार्ग (Tubes / passages) होते हैं। एक जिससे साँस अंदर जाती है जिसे श्वांस नली या windpipe या (respiratory tract)  कहा जाता है परंतु इसकी चर्चा हम फिर कभी करेंगे।

परंतु आज पहले खाने वाली नली या (food pipe) के बारे में जान लेते हैं। जिसे विज्ञान की भाषा में आहार नाल (Alimentary canal) या oesophagus कहा जाता है। 

तो विज्ञान की भाषा में भूख का अर्थ होता है, आहार नाल तथा पेट या अमाशय (stomach) की दीवारों में होने वाली संकुचन एवं शिथिलन गति (Contraction and relaxation) जो हमें पेट के खाली होने का एहसास कराती है।
😇 या यूं कहें कि पेट में चूहे कूदने का एहसास होता 😄

आइए अब प्यास के बारे में जानते हैं। तो यह तो सभी जानते हैं कि हमारा शरीर कोशिकाओं से बना है और कोशिकाओं  को कार्य करने के लिए  लगभग 60% से 70%जल की आवश्यकता होती है। परंतु यदि इतनी मात्रा में जल उपस्थित नहीं होगा तो कोशिकाएं अपना कार्य नहीं कर  पाएंगी और शरीर की सभी जैविक क्रियाएं जैसे पाचन ,श्वसन, परिसंचरण, उत्सर्जन आदि सभी प्रभावित होंगी।

परंतु अब सवाल यह है कि भूख, प्यास जैसी अन्य अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण केंद्र मस्तिष्क में कहां स्थित होता है एवं कैसे कार्य करता है ?
लेखक श्रीमती शैली शर्मा मध्यप्रदेश के विदिशा में साइंस की टीचर हैं। (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)

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