नई दिल्ली। आवास एवं शहरी मामलों (MOHUA) के सचिव एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के अध्यक्ष श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने भारत की RRTC ट्रेनों का पहला लुक जारी किया। इस अवसर पर NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह , एनसीआरटीसी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सभी सदस्य और एमओएचयूए, एनसीआरटीसी और बम्बार्डियर इंडिया के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
RRTC ट्रेन की खास बातें
स्टेट ऑफ दि आर्ट RRTC ट्रेनें भारत की पहली ऐसी ट्रेनें होंगी जो 180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिजाइन गति से चलेंगी।
इनकी बाहरी बॉडी चमकदार स्टेनलैस स्टील की होगी।
एयरोडायनैमिक आरआरटीएस ट्रेनें वज़न में बहुत हल्की और पूरी तरह वातानुकूलित होंगी।
हर डिब्बे में छह ऑटोमैटिक प्लग इन टाइप के चौड़े दरवाज़े होंगे जिनमें से तीन-तीन दरवाज़े दोनों तरफ होंगे।
बिजनैस क्लास के डिब्बों में दोनों तरफ दो दो दरवाज़े यानी कुल चार दरवाज़े होंगे।
चौड़ा गलियारा होगा और उसमें खड़े होकर यात्रा करने वाले यात्रियों के पकड़ने के लिए हैंडल और खंभे होंगे ताकि वे आराम से अपनी यात्रा कर सकें।
इसके अलावा ऊपर की तरफ सामान रखने के लिए रैक होगा।
मोबाइल और लैपटाप चार्ज करने के लिए सॉकेट होंगे।
वाई फाई की सुविधा भी होगी।
इसके प्रोटोटाइप का 2022 तक उत्पादन शुरू हो जाएगा और व्यापक परीक्षणों से गुज़रने के बाद जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। एनटीआरटीसी छह छह डिब्बों वाली 30 जोड़ी ट्रेनों की खरीद करेगा और उन्हें इस समूचे कॉरिडोर पर चलाया जाएगा तथा 10 जोड़ी ट्रेनें मेरठ के भीतर स्थानीय आवागमन के लिए चलाई जाएंगी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर आरआरटीएस के लिए डिब्बों का निर्माण बंबार्डियर के गुजरात के सेवली स्थित प्लांट में किया जाएगा।
रैपिड ट्रेन क्या है, RRTC ट्रेन में यात्रियों के लिए सुविधाएं
आरआरटीएस ट्रेनों के डिब्बों में दो गुना दो आकार की आड़ी सीटें होंगी
चौड़ा गलियारा होगा और उसमें खड़े होकर यात्रा करने वाले यात्रियों के पकड़ने के लिए हैंडल और खंभे होंगे ताकि वे आराम से अपनी यात्रा पूरी कर सकें। इसके अलावा ऊपर की तरफ सामान रखने के लिए रैक होगा, मोबाइल और लैपटाप चार्ज करने के लिए सॉकेट होंगे ,यात्रियों के लिए पांव फैलाने की पर्याप्त जगह होगी और वाई फाई की सुविधा भी होगी।
खिड़कियों में दोहरे चमकीले और बड़े टैंपर्ड सुरक्षा कांच लगाए जाएंगे ताकि यात्री बाहर के पूरे नज़ारे का आनंद उठा सकें। डिब्बे सार्वजनिक उद्घेषणा और डिस्प्ले सिस्टम, डायनैमिक रूट मैप डिस्प्ले ,इन्फोटेनमेंट डिस्प्ले और आपातकालीन संचार सुविधा से लैस होंगे। ट्रेन में आधुनिक दृष्य एवं श्रव्य उद्घोषणा सिस्टम होगा जिससे यात्रियों को अगले स्टाप और अंतिम स्टेशन के बारे में जानकारी मिलेगी ।
आटोमैटिक प्लग इन टाइप के चौड़े दरवाजे होंगे जिनसे शोर और वायु घर्षण का असर कम हो जाएगा ।
डिब्बों में सीसीटीवी , आग एवं धुआं सूचक यंत्र , अग्निशामक और द्वार सूचक होगा
डिब्बे के दरवाजों के पास विकलांग यात्रियों की सुविधा के लिए उनकी व्हील चेयर के लिए ऐसी जगह तय रहेगी जहां तक सबकी पहुंच हो
एक प्रामाणिक हल्की और समग्र प्रोपल्शन प्रणाली होगी जो बेहद विश्वसनीय और निष्पादन ज़रूरतों पर खरी उतरने वाली होगी
इनोवेटिव ट्रेन कंट्रोल मानिटरिंग सिस्टम (टीसीएमएस) प्रौद्योगिकी और उसके साथ साथ उसकी भविष्यवाची और परिस्थिति आधारित निगरानी विशिष्टताएं इस बेड़े की कार्यक्षमता में सुधार करेगी और उसे एक व्यापक ट्रेन-टु ग्राउंड नैदानिकी मुहैया कराएंगी।
इन ट्रेनों की अधिकतम परिचालन गति 160 केएमपीएच होगी और हर पांच-दस किलोमीटर पर स्टेशन होंगे इसलिए इसके गतिवर्धन और गतिअवरोधन का पूरा ध्यान रखते हुए इसका डिज़ाइन तैयार किया गया है ।
इन ट्रेनों का परिचालन आटोमैटिक ट्रेन आपरेशन प्रणाली (एटीओ) से होगा ताकि यात्रा सुगम हो और वह सही स्थान और सही समय पर रुक सके तथा ऊर्जा की बचत भी हो।
इन आधुनिक ट्रेनों में जरूरत पड़ने पर दरवाजे खोलने के लिए पुश बटन भी होंगे ।इससे हर स्टेशन पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत से बचा जा सकेगा और इस तरह ऊर्जा की बचत होगी ।
आरआरटीएस ट्रेनों में बिजनेस क्लास (हर ट्रेन में एक डिब्बा ) भी होगा जिसमें पर्याप्त खुली जगह और आरामदायक और लेटने योग्य सीटें होंगी जिन तक प्लैटफार्म पर बने एक विशेष लाउंज से पहुंचा जा सकेगा ।
बिजनेस कोच में एक आटोमैटिक भोजन परोसने वाली मशीन भी लगाई जाएगी।
हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
तेज़ गति वाली ट्रेन होने के कारण सभी आरआरटीएस प्लैटफार्मों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्लैटफार्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) होंगे। ट्रेन के दरवाज़े भी पीएसडी युक्त होंगे।