जबलपुर। कमलनाथ सरकार द्वारा मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित 14% आरक्षण को बढ़ाकर 27% कर दिया गया था। इस आदेश के बाद मामला हाईकोर्ट में आया और आदेश के अमल पर स्टे लगा दिया गया था। हाई कोर्ट में आज इस मामले की अंतिम बहस के लिए तारीख सुनिश्चित की गई। दिनांक 2 नवंबर 2020 से ओबीसी आरक्षण मामले में अंतिम बहस की शुरुआत होगी।
मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण विवाद क्या है
जबलपुर हाईकोर्ट ने 19 मार्च 2019 को कमलनाथ सरकार ने अक्टूबर 2019 में मध्य प्रदेश की सरकारी नौकरियों में ओबीसी आरक्षण 14% से बढ़ाकर 27% कर दिया था। इसके कारण जातिगत आधार पर ओवरऑल आरक्षण 50% से अधिक हो गया था जो कि सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के खिलाफ था। याचिका प्रस्तुत होने पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने OBC का आरक्षण बढ़ाकर 27 फीसदी करने के फैसले पर रोक लगाई थी।
जब तक विवाद का निपटारा नहीं होता ओबीसी आरक्षण कितना रहेगा
हाईकोर्ट ने 27% ओबीसी आरक्षण वाले आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया है। इससे पूर्व 14% ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है। हाईकोर्ट में स्पष्ट कर चुका है कि सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के लोगों को पहले की तरह 14% आरक्षण का लाभ नियमित रूप से दिया जा सकता है।