नई दिल्ली। भारतीय रेल अब प्राइवेट स्कूलों की तरह हो गई है। जैसे प्राइवेट स्कूल में स्टूडेंट लाइब्रेरी का यूज करें या ना करे लेकिन उससे लाइब्रेरी शुल्क वसूला जाता है ठीक उसी प्रकार रेलवे ने यात्रियों से रेलवे स्टेशन के विकास के नाम पर निर्धारित किराए के अलावा जबरन चंदा वसूली की योजना तैयार कर ली है। सरल शब्दों में, स्टेशन मास्टर के केबिन में लगने वाली एसी का खर्चा स्टेशन पर आने वाले यात्रियों से वसूला जाएगा। स्टेशन मास्टर के वेतन से नहीं।
रेल किराए में रेलवे स्टेशन विकास कर लगाने का प्रस्ताव तैयार
न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने बताया है कि स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए रेल यात्रियों को 10 रुपये से लेकर 35 रुपये तक अतिरिक्त किराये का भुगतान करना पड़ सकता है। इस प्रस्ताव को रेलवे अंतिम रूप दे रहा है जिसे मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
जिस स्टेशन को अपग्रेड किया जाएगा वहां के यात्रियों से वसूली होगी
सूत्रों ने कहा कि ये किराया यूजर चार्ज की वजह से बढ़ रहा है। रेलवे ने पहले स्पष्ट किया था कि यूजर चार्ज केवल उन स्टेशनों के लिए लिया जाएगा जिनका पुनर्विकास किया जा रहा है और जहां यात्रियों की संख्या अधिक होती है। बीते दिनों रेलवे की ओर से बताया गया था कि देश भर में कुल सात हजार स्टेशनों में से करीब 700 से 1000 स्टेशन इस श्रेणी में आते हैं।
फ्लाइट के करोड़पति यात्रियों जैसी वसूली रेल के गरीब यात्रियों से भी होगी
दरअसल, यूजर चार्ज सुविधा के एवज में लगाया जाता है। फिलहाल, ये एयरपोर्ट पर लगता है। एयरपोर्ट पर लगने वाले इस चार्ज को एयर टिकट में जोड़ दिया जाता है। कहने का मतलब ये है कि एयर टिकट की जो कीमत आप देते हैं उसमें यूजर चार्ज शामिल होता है।