ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल संभाग के 5 जिलो (ग्वालियर, भिंड, मुरैना, शिवपुरी, दतिया) के कलेक्टरों का पक्ष सुनने के बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह सुनवाई उस जनहित याचिका पर हुई जिसमें बताया गया है कि राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया जा रहा है।
ग्वालियर हाईकोर्ट ने 5 जिलों के कलेक्टरों से अलग से बात की
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने जब कलेक्टरों के जवाब सुने, उस वक्त कोर्ट ने न्याय मित्र, याचिकाकर्ता को नहीं जोड़ा। लंच के पहले व बाद में याचिकाकर्ता व न्याय मित्र का पक्ष सुना गया। न्याय मित्रों की ओर से सुझाव दिया गया कि इसमें दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। शासन की ओर से इस बार अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी के साथ महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव भी सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए।
राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ को कलेक्टर द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा रहा
आशीष प्रताप सिंह ने राजनीतिक सभाओं में हो रही भीड़ को प्रतिबंधित कराने की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है। न्याय मित्र व याचिकाकर्ता ने कार्यक्रमों के जो फोटो व रिपोर्ट न्यायालय में पेश किए हैं, उन्हें देखकर पाया कि प्रशासन भीड़ को काबू करने में नाकाम रहा है। इसके चलते कलेक्टर व एसपी का पक्ष सुनने के लिए कोर्ट में बुलाया गया था। न्याय मित्र, याचिकाकर्ता व महाधिवक्ता को पक्ष रखने के लिए करीब एक घंटे का समय मिला, इन्होंने अपने सुझाव दिए।
कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग
जिन प्रत्याशियों की सभाओं में भीड़ हो रही है और कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन हो रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई का सुझाव दिया गया। महाधिवक्ता ने भी भीड़ को प्रतिबंध करने पर सहमति दी। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने कार्यक्रमों के और फोटो पेश किए। साथ ही चुनाव आयोग को याचिका में प्रतिवादी बनाने का निवेदन किया गया।