भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के प्रभावशाली नेता स्वर्गीय सुभाष यादव के बेटे श्री अरुण यादव को पार्टी में नेपोटिज्म का फायदा तो मिला परंतु शायद अरुण यादव उसे मेंटेन नहीं कर पाए। 2018 में उनके नीचे से अचानक प्रदेश अध्यक्ष पद की खींच ली गई थी और अब ऑल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी से आउट कर दिया गया।
कांग्रेस पार्टी में स्वर्गीय सुभाष यादव निमाड़ मालवा के कद्दावर कांग्रेस नेता हुआ करते थे। उनके बाद समर्थकों ने श्री अरुण यादव का दामन थाम लिया। दिल्ली में राहुल गांधी ने भी अरुण यादव को काफी महत्व दिया। केंद्रीय मंत्री और उसके बाद मध्य प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष तक बनाया गया परंतु पिछले 2 सालों में उनके हाथ से सब कुछ सरकता हुआ चला गया।
अरुण यादव के कंधे पर हाथ रखकर प्रदेश अध्यक्ष पद की कुर्सी खींच ली गई थी
अरुण यादव की पॉलीटिकल लाइफ में इससे बड़ा हादसा अब तक कोई नहीं हुआ। इस मामले में भाजपा नेता प्रभात झा और अरुण यादव बिल्कुल एक जैसे हैं। मीडिया में लगातार खबरें चल रही थी कि अरुण यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है परंतु जब उन्होंने इस बारे में हाईकमान से बात की तो उन्हें निश्चिंत होने के लिए कहा गया। चौंकाने वाली बात यह है कि हर तरफ से कंफर्म करने के बाद जब अरुण यादव ने खुद मीडिया के सामने आकर खबरों का खंडन किया तभी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।