यदि कोई व्यक्ति किसी वयस्क लड़की का सामूहिक बलात्कार के दौरान बलात्कार नहीं करता, लड़की के साथ मारपीट भी नहीं करता है यहां तक कि लड़की को हाथ में नहीं लगाता और घटनास्थल पर उपस्थित भी नहीं था, लेकिन यदि वह किसी भी प्रकार से सामूहिक बलात्कार की साजिश में शामिल है तो ना केवल अपराधी माना जाएगा बल्कि कठोर दंड से दंडित भी किया जाएगा। आइए जानते हैं आईपीसी की कौन सी धारा में इस तरह के अपराध के लिए कितनी सजा का प्रावधान है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376- घ :-
एक से अधिक व्यक्ति किसी भी महिला के साथ बलात्संग (बलात्कार) करते हैं, वह सभी व्यक्ति धारा 376 घ के अंतर्गत दोषी होंगे।
नोट:- इस अपराध के लिए जरूरी नहीं है कि सभी व्यक्ति ने महिला के साथ बलात्संग किया हो लेकिन अपराधी सभी माने जाएंगे और सभी को धारा 376-घ के अंतर्गत दोषी ठहराया जाएगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 376 घ के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह अपराध संज्ञेय (Cognizable) एवं अजमानतीय (Non Bailable) अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय (Court of Session) को होता है। सजा- कम से कम 20 वर्ष अधिकतम अजीवन कारावास तक की हो सकती है। लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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