भारत में यदि कोई चोर, जुआरी, लूटेरा यहां तक कि हत्यारा दूसरी बार वही अपराध करे तो IPC की धारा और सजा वही रहते हैं जो पहली बार लगाए गए थे लेकिन यदि एक बलात्कारी दूसरी बार उसी पीड़ित महिला का या फिर किसी अन्य महिला का बलात्कार कर दे तो IPC में ऐसे अपराधियों के लिए एक नई धारा का प्रावधान किया गया है। इस धारा में दूसरी बार बलात्कार करने वाले की सजा पहले से अधिक कठोर हो जाती है। दूसरी बार बलात्कार करने वाले को मृत्युदंड दिया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 375 ङ, की परिभाषा:-
अगर कोई व्यक्ति पर धारा 376 के अंतर्गत निम्न धाराओं के अपराध सिद्ध हो गए हैं:- धारा-376क, धारा- 376 - ख, धारा- 376ग, धारा 376घ आदि। पुनः वह व्यक्ति इन धारा के अंतर्गत किसी भी अपराध को दूसरी बार करता है, तब वह धारा 376-ङ के अंतर्गत दोषी होगा।
नोट:- जिस महिला के साथ पहले बलात्संग का अपराध किया था,दुबारा उसी महिला के साथ वह अपराधी बलात्संग करता है तब भी यह धारा लागू होगी।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा-376ङ के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा का अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है। यह अपराध संज्ञेय(Cognizable) एवं अजमानतीय (Non-Bailable) अपराध है। इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय(Court of Session) को हैं। सजा(Punishment)- दूसरी बार अपराध करने पर आजीवन कारावास से मृत्यु दण्ड तक हो सकती है। लेखक बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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