Kidnapping for murder: which section will be registered
किडनैपिंग कई प्रकार की होती है। किसी व्यक्ति को कुछ देर तक निष्क्रिय करने के लिए। फिरौती या फिर किसी अन्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए और हत्या करने के लिए। भारतीय दंड संहिता में धाराओं का निर्धारण अपराध के उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए किडनैपिंग की धाराओं का निर्धारण भी उसके उद्देश्य पर किया जाता है। आज हम हाईपीसी से पूछते हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी की हत्या करने के उद्देश्य से उसे किडनैप कर लेता है तो उसके खिलाफ किस धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। साथ ही यदि वह अपरहण करने के बाद हत्या करने में सफल हो जाता है तो उसके खिलाफ अपहरण की धारा लगेगी या सिर्फ हत्या का केस दर्ज होगा।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 364 की परिभाषा:-
अगर किसी व्यक्ति का अपहरण या व्यपहरण करने का उद्देश्य हत्या करना मात्र है तो वह व्यक्ति धारा 364 के अंतर्गत दोषी होगा।
नोट:- 1. दोषी व्यक्ति का हत्या करना मात्र उद्देश्य से अपराध घटित हो जाता है।
2. अगर आरोपी हत्या कर देता है तो धारा 302 (हत्या) के अपराध के साथ 364 के अपराध का भी दोषी होगा।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 364 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:-
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं होते हैं। यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं, एवं इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय को होता है। सजा- आजीवन कारावास या 10 वर्ष की कठोर कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
उधरणानुसार वाद:- मध्यप्रदेश राज्य बनाम महेश मोहन लाल माली- इस वाद में यह साबित किया गया कि व्यपहरण के बाद, हत्या किया गया बच्चा अंतिम समय दो आरोपियों में से एक के पास देखा गया था।यह तथ्य एवं आरोपी की न्यायिक स्वीकृति को दोनो आरोपियों को 364 का दोषी माना लेकिन एक आरोपी को न्यायालय द्वारा हत्या का दोषी नहीं माना। दूसरे आरोपी द्वारा दी गई दलील खारिज कर दी गई उसे व्यपहरण(364) के साथ हत्या (302) का भी दोषी न्यायालय द्वारा ठहराया गया। बी. आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665 | (Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
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