जबलपुर। राजधानी भोपाल के विकासखंड फंदा में बीयू के पद पर पदस्थ श्री रंजय डेनियल के ट्रांसफर आर्डर पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है। श्री रंजन डेनियल के वकील श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि कोर्ट ने माना है कि उनका ट्रांसफर नियम विरुद्ध एवं किसी अन्य व्यक्ति को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से किया गया प्रतीत होता है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करके इस मामले में शासन से जवाब तलब किया है।
श्री रंजय डेनियल, प्राचार्य की पदस्थापना शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, फंदा, भोपाल से विकास खंड शिक्षा अधिकारी ऑफिस, फंदा में प्रभारी सहायक संचालक, के रूप में, वरिष्ठता के आधार पर दिनांक 04/08/19 को की गई थी। एक महीने बाद दिनाँक 03/09/19 को श्री डेनिएल से काफी जूनियर प्राचार्य श्री केके गौर को, श्री डेनिएल के स्थान पर, पदस्थापना देने के आदेश किये गए। यह मामला, उच्च न्यायालय, जबलपुर पहुंचा, जहां प्रकरण के निराकरण के निर्देश प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा को 2019 अक्टूबर में दिये गए थे। आयुक्त लोकशिक्षण, द्वारा आदेश दिनांक 20/11/19 जारी कर, श्री डेनिएल को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कार्य करने की अनुमति दी गई थी। उसी आदेश से प्राचार्य श्री केके गौर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय फंदा में पोस्टिंग दी गई थी।
विकासखंड कार्यालय मे, सहायक संचालक, शिक्षा की पद संरचना होने पर, एवं पद्दोन्नति में विलंब को ध्यान में रखकर, वरिष्ठता के आधार पर, उक्त पोस्टिंग श्री रंजय डेनियल को दी गई थी। प्रिंसिपल, उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय के बाद अगला, पद्दोन्नति से भरा जाने वाला पद सहायक संचालक, शिक्षा होता है। इसी आधार पर श्री डेनिएल की पदस्थापना विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दी गई थी।
श्री रंजय डेनिएल द्वारा आयुक्त लोकशिक्षण के आदेश दिनाँक 20/11/19 के पालन में विकासखंड शिक्षा अधिकारी फंदा ऑफिस में कार्य प्रारंभ कर दिया गया। वही दूसरी ओर, श्री केके गौर द्वारा 8 महीने तक उच्चतर माध्यमिक, फंदा विद्यालय में उपस्थिति नही दी गई। अनाधिकृत अनुपस्थिति के लिए, किसी प्रकार का अवकाश उन्हें स्वीकृत नही हुआ था, ना ही ऐसा कोई आवेदन दिया गया था। 8 महीने की अनाधिकृत अनुपस्थिति के बाद, श्री केके गौर को, कथित प्रशासनिक जरूरत के आधार पर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय, फंदा से विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ऑफिस, फंदा, दिनाँक 24/07/2020 को श्री रंजय डेनियल के स्थान पर, ट्रांसफर किया गया। ट्रांसफर आदेश दिनांक 24/07/2020 में श्री केके गौर का पदस्थापना स्थल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय, फंदा भोपाल, दर्शाया गया था, जबकि, स्थानांतरण आदेश जारी होने की दिनाँक एवं उसके पूर्व 24/07/2020 को, श्री गौर द्वारा 8 माह पुराने आदेश दिनांक 20/11/19 के पालन में शासकीय उच्चतर माध्यमिक, फंदा में उपस्थिति दी ही नही गई थी। परिणामस्वरूप 8 माह वेतन भी प्राप्त नही हुआ था। उनके द्वारा 8 माह पश्चात , दिनाँक 25//07/19 को स्कूल में बिना वरिष्ठ अधिकारियों को पूर्व सूचना के अनाधिकृत उपस्थिति स्वयं ही दी गई। उसी दिनाँक को स्वयं के द्वारा ही उनको कार्यमुक्त कर लिया गया था।
घटनाओं और परिस्थितियों से स्पष्ट था, उनकी इच्छानुसार उन्हें नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसफर किया गया था। श्री रंजय डेनिएल प्रिंसिपल को वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापना दी गई थी।
श्री रंजय डेनियल द्वारा उक्त मनमाने ट्रांसफर के विरुद्ध, रिट याचिका हाई कोर्ट, जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत की गई। उनके अधिवक्ता, श्री अमित चतुर्वेदी, उच्च न्यायालय जबलपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह विवाद दिनांक 04/08/19 से चल रहा है।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के अनुसार श्री रंजय डेनियल को दिनाँक 04/08/19 को प्रभारी सहायक संचालक, शिक्षा पद के विरुद्ध विकासखण्ड ऑफिस में वरिष्ठता के आधार पर, प्रमोशन में विलंब को विचार में रखते हुए, पदस्थापना दी गई थी। एक महीने बाद नाटकीय ढंग से से श्री डेनियल से अत्याधिक कनिष्ठ श्री केके गौर को दिनाँक 03/09/19 को पोस्टिंग देने के आदेश जारी कर दिये गए थे। मामले में हाई कोर्ट के दखल के बाद श्री डेनियल को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी ऑफिस में कार्य करने की अनुमति दिनांक 20-11-19 को दी गई थी। दूसरी ओर श्री गौर को उच्चतर माध्यमिक, विद्यालय फंदा में जाने के आदेश किए गए थे।
परन्तु, श्री केके गौर, प्राचार्य, द्वारा आदेश दिनाँक 20/11/19 को उच्च न्यायालय, जबलपुर में चुनौती दी गई थी। उनके द्वारा दायर प्रकरण में, उनके अभ्यावेदन के निराकरण के निर्देश माह दिसंबर 2019 मे दिये गए थे। आयुक्त लोकशिक्षण, द्वारा उनके अभ्यावेदन को निरस्त कर, शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय, फंदा में उपस्थिति के निर्देश दिए गए थे परंतु, उनके द्वारा उक्त आदेश का पालन नही किया गया। अचानक, दिनांक 24/09/2020 को श्री डेनियल के स्थान पर श्री केके गौर को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय फंदा, स्थानांतरित किया गया था।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने बताया कि हाई कोर्ट जबलपुर ने सुनवाई के दौरान, दिनाँक 11/09/2019 को प्रथम दृष्टया ट्रांसफर आदेश दिनाँक 24/07/2020 को, द्वेषपूर्ण एवं व्यक्तिविशेष को उसकी मर्जी के अनुसार प्रतिस्थापित/पदस्थापना करने वाला माना है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से स्टे पर सुनते हुए, उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आयुक्त लोकशिक्षण भोपाल द्वारा जारी, ट्रांसफर आदेश दिनाँक 24/07/2020 के प्रभाव एवं क्रियान्वयन को स्टे कर, शासन से जबाब तलब किया गया है।