भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में महामारी का प्रकोप एक बार फिर तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पॉजिटिविटी रेट लगभग 10% पर पहुंच गई है। यानी भोपाल का हर 10वां सैंपल पॉजिटिव निकल रहा है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण अब तक भोपाल के 354 नागरिकों की मृत्यु हो चुकी है परंतु भोपाल के अस्पतालों में मरने वाले मरीजों की संख्या इससे बहुत ज्यादा है। जो इस बात का प्रमाण है कि भोपाल के अस्पतालों में जिंदगी की उम्मीद कम हो रही है। भोपाल के शमशान घाट फुल चल रहे हैं। शमशान की जिस जमीन पर खरपतवार खड़ी हुई थी, लोगों से साफ करके मरीजों की चिता सजाकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार सितंबर के अंत तक पॉजिटिविटी रेट 15% हो जाएगा
शहर में लॉकडाउन खोलने के बाद से ही संक्रमण भी बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों की माने तो संक्रमण की दर यदि इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो सितंबर के अंत तक यह जुलाई को मात देते हुए 12 से 15 फीसदी पर पहुंच जाएगी। बता दें कि अब तक राजधानी में 2 लाख 37 हजार 914 सैंपल लिए गए हैं। इसमें से 14909 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। इस तरह देखा जाए तो कुल सैंपल के महज 6.2 प्रतिशत सैंपल पॉजिटिव निकलें हैं। वहीं 354 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। मतलब हर 2.37 प्रतिशत पॉजिटिव मरीजों की मौत हो रही है।
राजधानी में मौत का आंकडा बढ़ा, लेकिन घट रही है मृत्यु दर
राजधानी में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ते जा रहा है, लेकिन मृत्यु दर में कमी आई है। लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा मई में मृत्यु दर 4.80 प्रतिशत रही है। इसके बाद जून में घटकर 3.30 प्रतिशत, जुलाई में 2.78 और सितंबर में 1.1 प्रतिशत पर आ गई है। ठीक इसके उलट मौत का आंकड़ा कभी बढ़ता है तो कभी घट जाता है। 23 मार्च से 30 जून तक शहर में महज 101 मौत ही कोरोना से हुई थी, लेकिन जुलाई में मौत का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। अकेले जुलाई महीने में कोरोना संक्रमण से 107 लोगों की मौत हुई थी। वहीं सितंबर के 19 दिनों में कोरोना से 45 लोगों ने जान गंवा दी है।