भोपाल। कोरोनावायरस महामारी के चलते हालात कुछ ऐसे हैं जैसे युद्ध काल में नागरिकों के घायल हो जाने पर दुश्मन की सेना फायदा उठाती है। वह घायलों का उपचार और मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं करती बल्कि उनके शरीर पर मौजूद आभूषण एवं मूल्यवान वस्तुएं लूट लेती है। महामारी के कारण ऑक्सीजन की मांग बढ़ गई है। नतीजा ऑक्सीजन के कारोबार में कालाबाजारी शुरू हो गई। औद्योगिक क्षेत्र में ₹200 वाला ऑक्सीजन का सिलेंडर ₹1000 में सप्लाई किया जा रहा है। अस्पतालों में आलम यह है कि अस्पताल के नाम के हिसाब से ऑक्सीजन के दाम तय किए जा रहे हैं।
10 क्यूबिक मीटर का जो सिलिंडर पहले उद्योगपतियों को 200 रुपये में मिलता था, अब उसके 1000 रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। उद्योगपतियों का कहना है कि लंबित ऑर्डर पूरे करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत है। इसलिए कुछ सिलिंडर अधिक कीमत चुकाकर खरीदना मजबूरी है। आम दिनों में गोविंदपुरा में 3000 और मंडीदीप में 2500 से अधिक ऑक्सीजन सिलिंडर की प्रतिदिन जरूरत होती है।
ऐसे समझें ऑक्सीजन का गणित
अस्पताल व उद्योगों में ऑक्सीजन दो तरह के सिलिंडर में सप्लाई होती है। अस्पताल में जो सिलिंडर पहुंचते हैं, वह साढ़े सात क्यूबिक मीटर के होते हैं, जबकि उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले सिलिंडरों की क्षमता 10 क्यूबिक मीटर होती है।
ऐसे आया भाव में अंतर
उद्योगों में आइनॉक्स समेत कुछ अन्य कंपनियां ऑक्सीजन की सप्लाई करती हैं। मेडिकल इमरजेंसी के चलते सरकार ने उद्योगों में सप्लाई बंद करवा दी है। ऐसे में उन लोगों ने मुनाफाखोरी का रास्ता ढूंढ़ निकाला, जिनके पास ऑक्सीजन का पहले से स्टॉक था। पहले 20 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर मिलने वाली ऑक्सीजन अब 90 से 100 रुपये में दी जा रही है। यानी पांच गुना कीमत बढ़ गई है।
सप्लाई न होने से यह असर
- 1100 उद्योग गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में
- 600 उद्योग फेब्रिकेशन व फार्मा से जुड़े, जिनमें काम बंद
मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में
- 400 उद्योग मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र में
- 80 उद्योगों में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने से काम प्रभावित
- 20 में काम ठप
- 200 करोड़ रुपये का प्रतिदिन नुकसान हो रहा गोविंदपुरा व मंडीदीप में
मंडीदीप में ऑक्सीजन की सप्लाई तीन सितंबर से बंद है। इस कारण उद्योगपति पांच गुना तक अधिक कीमत चुका रहे हैं। सरकार को जल्द व्यवस्था करना चाहिए। - राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष एसोसिएशन ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज मंडीदीप
गोविंदपुरा में प्रतिदिन तीन हजार सिलिंडर की जरूरत पड़ती है। वर्तमान में सप्लाई नहीं हो रही है। इसकी आड़ में 200 का सिलिंडर 1000 रुपये तक में बेचा जा रहा है। मजबूरी में कुछ उद्योगपति खरीद भी रहे हैं। - अमरजीत सिंह, अध्यक्ष गोविंदपुरा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन