भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले नवदुर्गा महोत्सव पर कलेक्टर द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ रोशनपुरा चौराहे पर चल रहा विरोध प्रदर्शन उस समय उग्र हो गया जब पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। जय भवानी संगठन के बैनर तले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। बताया गया है कि करीब 15 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
न्यू मार्केट के अंदर छुपे हुए प्रदर्शनकारियों को खींच-खींच कर पीटा
प्रदर्शन को देखते हुए रोशनपुरा चौराहे पर बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था। पहले तो सिर्फ नारेबाजी की जा रही थी, लेकिन उसके बाद प्रदर्शनकारी तत्काल गाइडलाइन को रद्द करने की मांग करने लगे। पुलिस के समझाइश देने पर भी वे नहीं माने। प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन बंद करने से इंकार कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लोग पुलिस से बचने के लिए सड़क पर भागते नजर आए। कुछ लोग तो कई फीट ऊंची रैलिंग पर चढ़कर मार्केट की तरफ भाग निकले। पुलिस ने कार्यकर्ताओं का पीछा न्यू मार्केट के अंदर तक किया। दोपहर तक कार्रवाई जारी थी।
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने औपचारिक विरोध स्वरूप रैली निकाली
दुर्गा महोत्सव के लिए गाइडलाइन निर्धारित करने का कांग्रेस ने भी विरोध जताया है। इसको लेकर रविवार दोपहर पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा ने एक रैली निकाली। उन्होंने माता मंदिर चौराहे से लेकर न्यू मार्केट तक पैदल मार्च किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर में एक ज्ञापन भी चढ़ाया। हालांकि, पीसी शर्मा विधायक हैं और वह चाहे तो कलेक्टर कार्यालय के सामने प्रभावी प्रदर्शन भी कर सकते थे। परंतु शायद मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए यह रैली पर्याप्त थी।
कलेक्टर गाइडलाइन में आपत्तिजनक क्या है
प्रतिमाएं अधिकतम 6 फीट ऊंची हो सकती हैं। (प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि प्रतिमा 20 फुट की होगी तो क्या उसे संक्रमण फैल जाएगा)
पंडाल का साइज भी 10X10 फीट अधिकतम होगा। (प्रदर्शनकारियों का कहना है कि छोटे पंडाल में संक्रमण का खतरा है। कम से कम 450 स्क्वायर फिट का पंडाल होना चाहिए।)
कार्यक्रम की पूर्व से अनुमति लेनी जरूरी। (प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दुर्गा प्रतिमा स्थापना कम से कम 9 वर्ष की संकल्प परंपरा होती है। इसकी सूचना दी जाती है अनुमति नहीं ली जाती।)
किसी भी तरह के जुलूस निकालने की अनुमति नहीं होगी। (राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध नहीं है तो फिर धार्मिक जुलूस पर क्यों। पुलिस को तैनात करें ताकि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।)