इंदौर। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को सूखी रोटी, ठंडी सब्जी और घटिया दाल खिलाने वाले खाद्य अधिकारी श्री मनीष स्वामी को सस्पेंड कर दिया गया है। इंदौर से रात 9:00 बजे रवाना हुए मुख्यमंत्री के लिए शाम 6:00 बजे ही खाना पैक करवा दिया गया था। करीब 4 घंटे बाद जब उन्होंने खाने का पैकेट खोला तो सीधे इंदौर कलेक्टर पर बरस पड़े। बता दें कि मुख्यमंत्री के लिए पौष्टिक भोजन प्रोटोकॉल का हिस्सा है।
इंदौर में बैक टू बैक कार्यक्रमों के कारण सीएम शिवराज सिंह खाना तक नहीं खा पाए
सीएम शिवराज सिंह चौहान इंदौर में कई विकास योजनाओं के शुभारंभ के लिए आए थे। उस दिन उन्हें शाम 6 बजे इंदौर पहुंचना था लेकिन रात को 8 बजे पहुंचे। लगातार कार्यक्रमों की वजह से उन्हें खाना खाने का मौका नहीं मिला। इसके साथ ही मौसम खराब होने की वजह से सीएम सड़क मार्ग से भोपाल लौटना था। उन्होंने खाना पैक करवा कर अपनी गाड़ी में रखवाने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री 9:00 बजे रवाना हुए, खाना 3 घंटे पहले ही पैक करवा दिया था
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार खाद्य अधिकारी ने शाम 6 बजे ही खाना पैक करवा दिया। सीएम रात 9 बजे इंदौर से निकले और पैक किया हुआ खाना ठंडा हो गया और रोटियां हार्ड हो गई थीं। इस पर सीएम नाराज हो गए। उन्होंने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से नाराजगी व्यक्ति की। प्रोटोकॉल का उल्लंघन होने के कारण खाद्य निरीक्षक मनीष स्वामी को निलंबित कर दिया गया है।
10 साल से इंदौर में जमे थे मनीष स्वामी
मनीष स्वामी इंदौर में 10 साल से जमे हुए थे। कलेक्टर मनीष सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत जिस गुणवत्ता वाला खाना होना चाहिए था, उसमें चूक हुई है। इसलिए मनीष स्वामी पर कार्रवाई की गई है।
लापरवाही या विरोध प्रदर्शन, जांच का विषय
मुख्यमंत्री, मंत्री एवं राजकीय अतिथियों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है। यह बात खाद्य विभाग का हर कर्मचारी जानता है। मनीष स्वामी 10 साल से इंदौर में पदस्थ थे। अतः यह तो कतई नहीं माना जा सकता कि मुख्यमंत्री को ठंडा और घटिया भोजन लापरवाही के कारण दे दिया गया हो। अलबत्ता यह जरूर हो सकता है कि मुख्यमंत्री को सूखी रोटी, किसी सुनियोजित विरोध प्रदर्शन का हिस्सा हो।