नई दिल्ली। भारत सरकार ने फैसला लिया है कि अब हर कर्मचारी का स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा। इतना ही नहीं भारत के सभी 740 जिलों में बीमा प्राप्त कर्मचारियों को इलाज के लिए अस्पताल होंगे। संसद में लेबर कोड बिल पास हो चुका है। बिल में ECIC और EPFO स्कीमों के तहत सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ा दिया गया है।
भारत के सभी 740 जिलों में कर्मचारियों के लिए बीमा अस्पताल होंगे
कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सुविधाएं अब भारत के सभी 740 जिलों में मिल सकेंगी। इससे श्रमिकों को काफी राहत मिलेगी। खतरनाक क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों को ईएसआईसी स्कीम से जुड़ना जरूरी होगा। चाहे उनमें केवल एक ही श्रमिक काम क्यों नहीं करता हो। असंगठित क्षेत्र और गिग वर्कर्स को भी ECIC से जोड़ा जाएगा। बागानों में काम करने वाले और 10 से कम श्रमिक वाले संस्थाओं के श्रमिकों को ECIC का वकिल्प दिया जाएगा।
प्रोफेशनल्स के लिए भी EPFO योजना बनाई जाएगी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की कवरेज 20 कामगारों वाले सभी संस्थानों पर लागू होगा 20 से कम कर्मचारियों वाले संस्थानों को भी EPFO से जुड़ने का विकल्प होगा। स्वरोजगार या किसी अन्य श्रेणी के कामगारों के लिए EPFO की योजना बनाई जाएगी। इन योजनाओं को इंप्लीमेंट करने के लिए सामाजिक सुरक्षा कोष बनाया जाएगा। गिग कामगार और प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में लाया जाएगा।
अस्थाई कर्मचारी भी योजना के दायरे में लाभान्वित होंगे
प्रत्येक कारोबार में कुछ काम ऐसे होते हैं जिनको अस्थाई कर्मचारियों से कराया जाता है। ऐसे काम के लिए कंपनियों कर्मचारियों को काम के आधार पर भुगतान करती हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो काम के बदले भुगतान के आधार पर रखे गए कर्मचारियों को गिग वर्कर (Gig Worker) कहा जाता है। पर ऐसा जरूरी नहीं की गिग कर्मचारी कुछ दिन ही कंपनी के लिए काम करें ये किसी कंपनी से लम्बे समय तक जुड़े रह सकते हैं।
भारत की प्राइवेट कंपनियों में कितने संविदा कर्मचारी
भारत में ऑनलाइन कारोबार बढ़ने के बाद गिग वर्कर्स की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। एक अनुमान के अनुसार भारत में लगभग 12 करोड़ गिग वर्कर हैं। भारत में अधिकांश गिग वर्कर ऑनलाइन फूड प्लेटफॉर्म, ई-कॉमर्स कंपनी और सामान की डिलीवरी जैसे काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में गिग वर्कर ड्राइविंग का काम भी कर रहे हैं।