21वी सदी में जब हम खून के रंग की बात करते हैं तो इंसान हो या जानवर, या फिर कोई जलचर या पक्षी सभी के खून का रंग लाल होता है परंतु क्या पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवो के खून का रंग लाल होता है। क्या 50 करोड़ साल पहले पृथ्वी पर उत्पन्न हुए जीवो के खून का रंग लाल था। सवाल इसलिए उपस्थित होता है क्योंकि अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागर में 45 करोड़ साल से पाए जाने वाले केंकड़े के खून का रंग लाल नहीं बल्कि नीला है।
एक केकड़ा जो 45 करोड़ साल से पृथ्वी पर मौजूद है
इस केकड़े को "हॉर्स शू" के नाम से बुलाया जाता है क्योंकि यह देखने में घोड़े के पैर जैसा दिखाई देता है। इस पर हजारों वैज्ञानिक परीक्षण हो चुके हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह केकड़ा कम से कम 45 करोड़ साल से पृथ्वी पर मौजूद है। इसके खून का रंग ना केवल नीला है बल्कि खून में कॉपर सहित कई ऐसे दुर्लभ रसायन उपलब्ध है, जो लाल खून में कतई नहीं मिलते। यही कारण है कि इस केकड़े के खून का मूल्य ₹1100000 प्रति लीटर से अधिक है।
दवा बनाने के लिए हर साल हजारों हॉर्स शू मार दिए जाते हैं
मनुष्यों की जान बचाने के लिए हर साल हजारों केकड़ों की हत्या कर दी जाती है। यह केकड़ा अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागर की गहराइयों में रहता है। बसंत ऋतु से ग्रीष्म ऋतु तक समुद्र के किनारे दिखाई देता है। पूर्णिमा की रात को यह केकड़ा समुद्र की सतह पर आ जाता है। यही प्राकृतिक प्रक्रिया इस केकड़े के लिए जानलेवा साबित होती है। अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनियां इसे उठाकर अपनी लैब में ले जाती हैं। यहां इसके दुर्लभ नीले खून 30% निकाल लिया जाता है और फिर से वापस समुद्र में छोड़ देते हैं। इस प्रक्रिया में 40% केकणों की मृत्यु हो जाती है।
क्या पृथ्वी पर कोई और भी है जिसका खून लाल नहीं है
8 पैर वाले समुद्री जीव ऑक्टोपस के खून का रंग नीला होता है। ऑक्टोपस के खून में भी कॉपर यानी तांबा पाया जाता है। जो इसके खून को दुर्लभ बनाता है।
सी कुकुंबर हरे रंग का समुद्री जीव है। इसके खून का रंग ना तो लाल है ना नीला बल्कि सी कुकुंबर के खून का रंग पीला है। दुनिया भर के वैज्ञानिक आज तक पता नहीं लगा पाए कि सी कुकुंबर के खून का रंग पीला क्यों है।
पीनट वॉर्म एक ऐसा जीव है जिसके खून का रंग नीला नहीं बल्कि बैगनी है। इसके शरीर में एक खास किस्म का प्रोटीन होता है। जिसे 'हिमोरिथरीन' नाम से जाना जाता है। कभी-कभी इसका खून गुलाबी रंग का दिखाई देता है। यानी पीनट वॉर्म भैया के खून का रंग बदलता रहता है।
न्यू गिनिया नाम का एक गिरगिट है। वैसे तो गिरगिट रंग बदलने के लिए बदनाम होते हैं परंतु न्यू गिनिया भैया ऐसे हैं जो कभी रंग नहीं बदलते। इनके खून का रंग हरा है। यही कारण है कि उनके शरीर का रंग भी हरा दिखाई देता है यहां तक की इनकी जीभ भी हरे रंग की हो गई है।
समुद्र में एक खास किस्म की मछली पाई जाती है। नाम है "क्रोकोडाइल आइसफिश" आप जानकर चौंक जाएंगे किस के खून में कोई रंग नहीं होता। इसका खून पानी की तरह पारदर्शी होता है। अंटार्कटिक की गहराई में बेहद ठंडे तापमान में रहने वाली इस मछली के रक्त में हिमोग्लोबिन (लाल रक्त वर्णक) और हिमोसाइनिन (नीला रक्त वर्णक) नहीं होता है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)