इंडियन आर्मी यानी भारत की थल सेना, जो जमीन पर युद्ध लड़ कर दुश्मन के दांत खट्टे करती है। वैसे तो भारतीय सेना में यूनिफॉर्म के कई कलर्स है परंतु एक सैनिक हमेशा खास प्रकार के हरे रंग की वर्दी में दिखाई देता है। जबकि पुलिस खाकी वर्दी में होती है। यदि रणभूमि में खुद को छुपाने की बात है तो फिर मिट्टी और पहाड़ जैसा रंग सैनिकों को छुपने में ज्यादा मददगार होगा। सवाल यह है कि इंडियन आर्मी की यूनिफार्म का कलर ग्रीन ही क्यों होता है।
इंडियन आर्मी का इतिहास
भारत में उन दिनों ब्रिटिश शासन स्थापित था। सेना को 'ब्रिटिश आर्मी' कहा जाता था। सेना का वह हिस्सा जिसमें ज्यादातर सिपाही भारत के नागरिक होते थे, उसे पहचानने और कम्युनिकेट करने में आसानी हो इसलिए उसे ब्रिटिश इंडियन आर्मी कहा जाता था।अधिकारिक रूप से "भारतीय सेना" कहा गया, उसे 1895 में भारत सरकार के द्वारा स्थापित किया गया था, इसके साथ ही ब्रिटिश भारत की प्रेसीडेंसियों की तीन प्रेसिडेंसी सेनाएं (बंगाल सेना, मद्रास सेना और बम्बई सेना) भी मौजूद थीं। हालांकि, 1903 में इन तीनों सेनाओं को भारतीय सेना में मिला दिया गया।
वर्दी का रंग और परंपराएं
आप जानकर चौक जायेंगे कि आजादी के बाद भी इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म में कोई बदलाव नहीं किया गया। इंडियन आर्मी की यूनिफॉर्म का कलर और डिजाइन प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान किया गया था। जिन इलाकों में युद्ध हो रहे थे वहां इस तरह की यूनिफार्म के कारण सैनिक अपने आपको आसानी से जंगलों में छुपा लेते थे और दुश्मन के नजदीक आने पर हमला कर देते थे। छापामार हमले में भारत के सैनिक हमेशा सफल रहे हैं। भारत के सैनिकों की युद्ध कला की प्रशंसा प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान पूरी दुनिया भर में की गई थी। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)