ग्वालियर। इंडियन रेवेन्यू सर्विस के अफसर एवं ग्वालियर में नारकोटिक्स ब्यूरो के कमिश्नर पद पर पदस्थ श्री ज्ञान सरवर का अचानक ट्रांसफर कर दिया गया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इण्डिरैक्ट टैक्स एंड कस्टम (सीबीआईसी) नई दिल्ली ने आदेश अपलोड कर केंद्रीय नारकॉटिक्स ब्यूरो के कमिश्नर ज्ञान सर्वर का चेन्नई ट्रांसफऱ कर दिया। महज साढ़े सात माह पूर्व ही ग्वालियर आकर कमिश्नर का पदभार ग्रहण करने वाले सरवर का जिस तरह अल्पावधि में अचानक ट्रांसफर किया गया ऐसा ब्यूरो के इतिहास में सम्भवत पहले कभी नही हुआ।
अफीम माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की प्लानिंग कर रहे थे ज्ञान सरवर
उलेखनीय है कि वर्ष 1995 बैच के आईआरएस अधिकारी ज्ञान सरवर ने 9 दिसंबर 2019 को राजेश पुरी के स्थान पर नारकॉटिक्स कमिश्नर का पदभार ग्रहण किया था । साढे सात माह के कार्यकाल में विभागीय स्तर पर सभी कुछ ठीक ठाक चल रहा था। अफीम, डोडाचूरा, एबम अन्य मादक पदार्थों की तरस्कारी के केस भी बने और उनके अधीन मध्यप्रदेश राजस्थान में कोरोनाकाल में अफीम लाईसेंस वितरण कम चुनोती पूर्ण कार्य निर्वागन सम्पन हुआ था। पिछले दिनों ग्वालियर में तीनो अफीम उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान के डिप्टी नारकॉटिक्स कमिश्नर एवं अन्य वरीष्ठ अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित कर श्री सरवर मादक पदार्थों पर अंकुश लगाने के लिए दीर्घकालीन प्रभावी नीति की रूप रेखा पर चर्चा की थी।
ज्ञान सरवर के ट्रांसफर से डिपार्टमेंट में कयासों और अफवाहों का दौर
साथ ही फसल 2020-2021 के लिए आने वाली अफीम नीति के बारे में भिन्न बिंदुयों पर भी विचार विमर्श हुआ। कुल जमा स्थिति सहज रूप से संचालित हो रही थी। सही स्थिति में नई दिल्ली से सी बी आई सी के बोर्ड द्वारा कमीश्नर श्री सरवर का ट्रांसफर डायरेक्टर जनरल औडिट कार्यालय चेन्नई में करने का आदेश अपलोड कर दिया। आदेश के जानकारी की मिलने पर मध्यप्रदेश राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित ग्वालियर कमिश्नर कार्यालय में सभी नारकोटिक्स अधिकारी कर्मचारी हक्के बक्के रहे गए किसी को भी इस तरह के आदेश की रंच मात्र भी अपेक्षा नही थी। दिन भर बोर्ड के इस फैसले को ले कर कयासों एवं चर्चाओं का दौर जारी रहा।
ज्ञान सरवर को जानबूझकर इतनी दूर भेजा गया है
आंकलन यह भी कि श्री सरवर की पंसद से यह बिल्कुल नही हुआ है क्योंकि वो खुद चेन्नई जाना तो हरगिज नहीं चुनते। कोरोना संक्रमण दौर में सरकारी विभागो में ट्रांसफर नही किये जाने का अघोषित निर्णय से होने के बाबजूद श्री सरवर के तबादले की भजन उचित नहीं लग रही है।