जबलपुर। बरगी थाना क्षेत्र स्थित रमनपुर रोड पर टेढिय़ा पुलिया के पास सोमवार की शाम दो युवकों की लाशें मिली थीं। दोनों की मौत का खुलासा शार्ट पीएम रिपोर्ट में हुआ है। जानकारों के अनुसार रिपोर्ट में दोनों की मौत ढाबे में बने अवैध टैंक में डूबने व दम घुटने से होना बताया गया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी ढाबा संचालक व उसके भतीजे को जमानत पर छूटते ही गिरफ्तार कर लिया। देर रात तक प्रकरण में धाराएँ बढ़ाकर अन्य आरोपियों की धरपकड़ की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार सोमवार की शाम टेढिय़ा नाले के पास ढाबा कर्मी बलदेव मरावी व उसके साथी राजकुमार विश्वकर्मा की लाशें मिली थीं। उन लाशों को कुछ इस तरह फेंका गया था कि मामला सड़क हादसे में मौत का नजर आए। वहीं परिजनों ने शवों को देखकर हत्या की आशंका जताई थी। मामले के तूल पकडऩे पर पुलिस ने मामले पर पर्दा डालने के लिए ढाबा संचालक विशाल चौकसे व उसके भतीजे आदित्य उर्फ मोनू चौकसे पर 20-20 लीटर केरोसीन व डीजल जब्ती का मामला बनाकर जेल भेज दिया था।
पुलिस की यह कहानी किसी के गले नहीं उतर पा रही थी और वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने के बाद मृतकों का पीएम 3 चिकित्सकों की टीम द्वारा कराया गया, जिसमें उनकी मौत ढाबे में बने अवैध केरोसीन टैंक में डूबकर होना पाया गया और इस हादसे को छिपाने के लिए लाशों को नाले किनारे फेंका गया था। इस मामले में पुलिस ने जमानत पर छूटते ही ढाबा संचालक विशाल व उसके भतीजे आदित्य को फिर गिरफ्तार किया और देर रात उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
यह है पूरा मामला
बरगी थाना क्षेत्र में ग्राम रमनपुर रोड पर टेढिय़ा नाले के बाद सोमवार की शाम 5 बजे दो युवकों के शव नाले के किनारे से बरामद किए गये थे। दोनों शव झुलसे हुए नजर आने पर परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी। इस मामले को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने थाने में जमकर हंगामा किया। उधर जाँच में पता चला कि दोनों युवक जिस ढाबे में काम करते थे वहाँ 2 टैंक गड़े हुए थे उनमें कैरोसीन भरा हुआ था। टैंक की सफाई करते समय दोनों युवकों की जहरीली गैस से उनका दम घुटने से मौत हुई थी। सूत्रों के अनुसार नाले के किनारे मिले शवों की पहचान ढाबा कर्मियों बलदेव मरावी उम्र 25 वर्ष व राजकुमार विश्वकर्मा के रूप में की गयी थी। दोनों की मौत के कारणों का छिपाने की नीयत से शवों को नाला किनारे फेंका जाना प्रतीत हो रहा था वहीं परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी। उधर पुलिस इस पूरे मामले में पर्दा डालने में जुटी थी लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी लगने पर घटना की बारीकी से जाँच कराई जाने पर पूरा मामला सामने आ गया। पुलिस के अनुसार जाँच उपरांत ढाबा संचालक विशाल चौकसे, उसके भतीजे आदित्य उर्फ मोनू चौकसे के खिलाफ हादसे को छिपाने व शवों को ठिकाने लगाने सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार रमनपुर स्थित जिस ढाबा में दोनों काम करते थे वहाँ पर पूर्व में अवैध रूप से पेट्रोल डीजल जमा कर बेचे जाने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया गया था। जाँच में पता चला कि ढाबा बंद हो चुका था और वहाँ पशु पालन का काम होने लगा था। वहीं जमीन में 2 टैंक गड़े थे। एक टैंक में ढाई तीन फीट पानी भरा हुआ था। बल्देव व उसका साथी राजकुमार टैंक में घुसकर उसकी सफाई कर रहे थे तभी उसमें भरी जहरीली गैस से उन दोनों की दम घुटने से मौत हो गयी थी। मौत की जानकारी लगने पर उनके शवों को टैंक से निकलवाकर नाले किनारे फिकवा दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार ढाबे में एक नहीं दो टैंक जमीन में गड़े थे। एक टैंक फुल था और उसमें करीब 6 हजार लीटर कैरोसीन भरा हुआ था वहीं दूसरा टैंक युवकों के घुटनों तक भरा था जिसे साफ करते समय हादसा हुआ था। वहीं पुलिस को टैंक में पानी भरे होने की जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश की गयी थी। लेकिन हंगामा होने पर पुलिस ने 20 लीटर डीजल, 20 लीटर कैरोसीन जब्त कर ढाबा संचालक विशाल व उसके भतीजे पर मामला दर्ज कर आनन-फानन में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उधर आरोपियों को रिमांड पर नहीं लिए जाने पर अधिकारियों ने नाराजगी जताई है।