जबलपुर। यदि आप कोरोनावायरस से संक्रमित हैं या आपको संक्रमण का संदेह है और अपनी शंका को दूर करने के लिए आप चाइना के ऑक्सीमीटर का उपयोग करने वाले हैं तो कृपया सावधान रहें। चाइना के पल्स ऑक्सीमीटर में बाजार में मिलने वाली खिलौना गुड़िया (बार्बी डॉल) के अंदर भी ऑक्सीजन प्रदर्शित की जाती है। मोटू-पतलू के स्टीकर टच करो तो मीटर बताता है कि उनका दिल धड़क रहा है।
इस तरह काम करता है पल्स ऑक्सीमीटरः
कोरोनाकाल में पल्स ऑक्सीमीटर की मांग बहुत बढ़ गई है। इसका फायदा कुछ व्यापारी उठा रहे हैं। पल्स ऑक्सीमीटर रक्त में ऑक्सीजन का प्रतिशत दिखाता है। यदि इसकी मात्रा कम होती है तो उसे कोरोना होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए लोग इसे घर में ही खरीदकर रख रहे हैं और ऑक्सीजन के स्तर की जांच करते रहते हैं। असली पल्स ऑक्सीमीटर की बाजार में कीमत 1000 रुपये से 1400 रुपये तक है। ऑनलाइन मार्केट में 3000 रुपये तक की कीमत के पल्स ऑक्सीमीटर बेचे जा रहे हैं।
शहर के बाजार में पल्स ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी :
मास्क, सैनिटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर की बढ़ती मांग के कारण कुछ व्यापारी इनके भी मनमाने दाम वसूल कर रहे हैं। बाजार में कृत्रिम कमी भी बनाई जा रही है जिससे जनता परेशान है। जबलपुर जैसे शहर में कोराना से पूर्व फिंगर पल्स ऑक्सीमीटर की मांग प्रतिमाह लगभग 150 पीस थी, लेकिन कोराना संक्रमण के खतरे के बीच विगत तीन-चार माह में 800 पीस प्रतिमाह की मांग सामने आने लगी। N-95 नाम से नकली मास्क भी बाजार में बिक रहे हैं। लोगों को इसकी पहचान नहीं होने से उन्हें ठगा जा रहा है। हकीकत यह है कि चिकित्सक कहते हैं कि एन-95 मास्क केवल डॉक्टरों के लिए जरूरी है इसे आम जनता न पहनें। आम जनता के लिए थ्री लेयर मास्क ही ठीक है।
चाइना की ऑक्सीमीटर तो पेंसिल में भी ऑक्सीजन बता देते हैं: चंद्रेश जैन
बाजार में चीन में बने नकली पल्स ऑक्सीमीटर बिक रहे हैं। इनकी कीमत 400 से 800 रुपये तक है। इनमें पेंसिल लगाएंगे तो यह उसमें भी ऑक्सीजन की मात्रा बताएंगे। लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए। जो नकली पल्स ऑक्सीमीटर बेच रहे हैं उनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
चंद्रेश जैन, सचिव जबलपुर ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन