भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों विधानसभा उपचुनाव में टिकट के लिए पार्टियों की अदला बदली का खेल लगातार जारी है। ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई के लिए कमलनाथ भारतीय जनता पार्टी में सेंधमारी कर रहे हैं परंतु भांडेर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध ने कमलनाथ को करारा झटका दिया है। श्री बौद्ध ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देकर बसपा का दामन थाम लिया है। अब वह भांडेर विधानसभा सीट से कमलनाथ कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। बताने की जरूरत नहीं कि कांग्रेस के लिए भांडेर विधानसभा सीट खतरे में पड़ गई है।
महेंद्र बौद्ध ने दिग्विजय सिंह के सामने बगावत का ऐलान किया था
50 साल से कांग्रेस पार्टी की सेवा कर रहे पूर्व मंत्री महेंद्र बौद्ध मंगलवार को जिले के शीर्ष नेताओं के सामने बसपा में शामिल हो गए। वे भांडेर से फूल सिंह बरैया को टिकट दिए जाने से नाराज चल रहे थे। उन्होंने 9 दिन पहले खुले मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सामने विरोध जताया था।
लगातार छह बार महेंद्र बौद्ध का टिकट काटा गया था
उन्होंने कहा था- राजा साहब, मेरे साथ लगातार अन्याय हो रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अब तक 6 बार टिकट कट चुका है। 50 साल से पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। भांडेर से जिन्हें टिकट दिया गया है, वह तिलक, तराजू और तलवार का नारा देकर लोगों को जातिगत रूप से बांटने का काम करते हैं। लेकिन हम यह नहीं चलने देंगे।
कांग्रेस के लिए भांडेर सीट खतरे में, महेंद्र बौद्ध बड़ी चुनौती साबित होंगे
महेंद्र बौद्ध भांडेर में लंबे समय से सक्रिय हैं। लोगों के बीच उनकी अच्छी पहचान बताई जाती है। ऐसे में बरैया का खुलकर विरोध करने का एक कारण स्थानीय नेताओं का भी उनके समर्थन में खड़ा होना है। वे लंबे समय तक पार्टी का एक अति पिछड़ों के लिए चेहरा रहे हैं। पार्टी के लिए उनके बीच रहकर काम करते रहे हैं। बरैया का स्थानीय स्तर पर लेकर पार्टी के अंदर ही विरोध का सामना करना पड़ेगा। इसका सीधा फायदा भाजपा को होगा, क्योंकि बौद्ध के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस के ज्यादा वोट करेंगे।
महेंद्र बौद्ध ने बताया: भाजपा के बजाय बसपा को क्यों चुना
कांग्रेस छोड़ने के बाद बौद्ध ने कहा कि भाजपा में इसलिए नहीं गया, क्योंकि उनकी सरकार है। सरकार में जाने के बाद कोई काम नहीं करता है। बसपा की सरकार नहीं है। ऐसे में यहां रहकर मुझे आम लोगों के बीच जाने का मौका मिलेगा। उनकी बात समझ सकूंगा। इसलिए बसपा में शामिल हुए हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा था: टिकट वितरण में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं
महेंद्र बौद्ध ने भांडेर से कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के खिलाफ पहले ही विरोध के संकेत दे दिए थे। उन्होंने किला चौक पर आयोजित डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के अनावरण समारोह में खुले तौर पर पार्टी के निर्णय का विरोध किया था। दिग्विजय ने महेंद्र बौद्ध को यह कहकर समझाया कि हम पीछे हट नहीं सकते हैं। चर्चा करेंगे, बातचीत करेंगे, कोशिश करेंगे, हाथ-पांव जोड़ेंगे और कोई रास्ता निकालेंगे, यही कह सकते हैं। अन्याय तो हुआ है लेकिन क्या कर सकते हैं। मैं टिकट वितरण में कतई हस्तक्षेप नहीं कर रहा हूं। बाबा साहब अंबेडकर की मूर्ति का अनावरण कराने पर मैं महेंद्र को शुभकामनाएं देता हूं।
दिग्विजय सिंह के खाते से एक और कट्टर समर्थक कम हो गया
फूल सिंह बरैया का टिकट तय हो जाने के बाद भांडेर में कांग्रेस में गुटबाजी की संभावना बन गई थी। बताया जाता है कि यह टिकट दिग्विजय सिंह के कहने पर ही बरैया को दिया गया है। ऐसे में बौद्ध ने खुलेतौर पर इसका विरोध करते हुए अंजाम देख लेने तक की बात कही थी। याद दिलाते चलें कि महेंद्र बौद्ध पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नजदीकी और कट्टर समर्थक माने जाते थे।