भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी शासकीय प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों की दक्षता सुधारने के लिए अब हिंदी कहानियों का सहारा लिया जाएगा। कहानी स्कूल के हर शिक्षक को लिखना होगी। जो स्कूलों में बच्चों को सुनाई और पढ़ाई जाएगी। अच्छी कहानियों को प्रदेश स्तर पर भेजा जाएगा। जहां से चयनित कहानियों को सभी स्कूलों में पढ़ाया जाएगा।
पहली से पांचवी कक्षा तक शासकीय प्राथमिक स्कूल के सभी शिक्षकों को एक-एक कहानी लिखना है। विषय चयन शिक्षक स्वयं ही कर सकेंगे। स्वतंत्र रूप से जिले के इतिहास, प्राचीन मान्यताएं, ऐतिहासिक स्थल व मंदिरों पर कहानी लिखी जा सकती है। विभागीय स्तर पर निर्देश हैं कि कहानी सरल भाषा में हो जिसे विद्यार्थी आसानी से समझ सकें। इससे विद्यार्थी की दक्षता का विकास होने के साथ-साथ उनकी रुचि जागृत हो और वे अपने जिले के बारे में जान सके। जिले में 1583 शासकीय प्राथमिक स्कूल हैं।
10 कहानी राज्य स्तर पर जाएगी
जिले के प्रत्येक विकासखंड के स्कूल से जिला स्तर पर 2-2 कहानियों का चयन किया जाएगा। चयन के लिए विकासखंड स्त्रोत समन्वय के नियुक्त किए जाएंगे। विकासखंड से कहानियां डाइट स्तर पर भेजी जाएगी। वहां से 10 चयनित कहानियां राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल भेजी जाएगी। प्रदेश स्तर से आई कहानियों का चयन कर सभी स्कूलों में उन्हीं कहानियों को पढ़ाया जाएगा। कहानी लिखने को लेकर जिला शिक्षा केंद्र द्वारा शिक्षकों को वेबिनार के माध्यम से जानकारी भी दी जा चुकी है।
इस तरह से होगी प्रक्रिया
- शिक्षकों को 3 अक्टूबर तक कहानियां लिखकर जनशिक्षकों को वाट्सएप पर भेजना है।
- जनशिक्षक दो कहानियों का चयन करके विकासखंड स्रोत समन्वयक को 8 अक्टूबर तक वाट्सएप पर भेजेंगे।
- विकासखंड स्रोत समन्वयक कहानियों का चयन कर डाइट प्रशिक्षण संस्थान में जमा कराएंगे।
- डाइट द्वारा 16 अक्टूबर को राज्य शिक्षा केंद्र को कहानियां भेजी जाएंगी।