भोपाल। कोरोनावायरस के नाम पर सरकार ने कर्मचारियों के सभी प्रकार के लाभ रोक दिए परंतु मध्य प्रदेश के 1000000 कर्मचारियों को पूरा विश्वास था कि आचार संहिता लागू होने से पहले कुछ ना कुछ जरूर मिल जाएगा। मंगलवार को चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कैबिनेट की बैठक का आयोजन हुआ तो कर्मचारी उम्मीद बांध बैठे परंतु भारी निराशा हुई जब उन्हें कुछ नहीं मिला। अब नवरात्र और दीपावली की तैयारियां तंगहाली में करनी पड़ेगी।
कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि सरकार उन्हें ऐसे समय में भूल रही है, जब प्रत्येक कर्मचारी खुद को संकट में डालकर सेवाएं दे रहा है। बता दें कि किसानों को केंद्र से 6 हजार रुपये सालाना सम्मान निधि मिलती है, उसमें राज्य सरकार ने चार हजार रुपये अतिरिक्त देने, आवासहीनों को पट्टा देने, गरीबों का बिल माफ करने जैसी घोषणा हाल के दिनों में की है।
इसके बाद कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर सरकार से आस लगाए बैठे हैं। ज्ञात हो कि कर्मचारियों को पांच फीसद बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता नहीं मिला है। जुलाई माह में मिलने वाली वेतन वृद्घि रोक दी गई है। मई 2020 में सातवें वेतनमान के एरियर्स की राशि का भुगतान होना था, जो नहीं अब तक नहीं हुआ।