भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने दावा किया है कि कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए मध्य प्रदेश के चार करोड़ नागरिकों को आयुर्वेदिक काढ़ा उपलब्ध कराया गया है। यहां बताना जरूरी है कि मध्य प्रदेश की कुल जनसंख्या करीब 8 करोड़ है। यानी मध्य प्रदेश के प्रत्येक दूसरे नागरिक को सरकार की तरफ से निशुल्क आयुर्वेदिक काढ़ा प्राप्त हो चुका है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज कोरोनावायरस के संदर्भ में वक्तव्य जारी किया है। आइए पढ़ते हैं उनके वक्तव्य की मुख्य बातें:-
पूरे प्रदेश में 'एक मास्क-अनेक जिंदगी अभियान' में मास्क वितरण का कार्य किया जा रहा है।
वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करते हुए, करीब 4 करोड़ लोगों तक आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाओं के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचाने का कार्य किया गया है।
प्रदेश में 23 मार्च 2020 को टेस्टिंग क्षमता मात्र 300 टेस्ट प्रतिदिन थी, इसमें से सिर्फ 60 टेस्ट रोजाना हो पाते थे। अब प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता 29780 टेस्ट प्रतिदिन है।
प्रदेश में इस समय करीब 22 हजार एक्टिव केस हैं, जो कुल प्रकरणों का 20 प्रतिशत है।
कितना अजीब तुलनात्मक अध्ययन है
सरकारी अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सामने कितना अजीब तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर दिया। मजेदार बात यह है कि श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बिना विचार किए प्रतिवेदन का वाचन कर दिया।
मध्य प्रदेश के हर दूसरे नागरिक को आयुर्वेदिक काढ़ा का दावा अपने आप में हास्यास्पद है। आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण के प्रारंभ से ही इसमें घोटाले का संदेह जताया जाने लगा था। भारतीय जनता पार्टी के ही कई नेताओं ने आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण और सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठाए थे।
मुख्यमंत्री जी ने प्रतिदिन टेस्ट क्षमता का तुलनात्मक अध्ययन 23 मार्च और 20 सितंबर के बीच किया है परंतु एक्टिव केस का तुलनात्मक अध्ययन 23 मार्च से 20 सितंबर तक कुल मरीजों की संख्या के सामने किया है।
क्या ऐसा कभी संभव हो सकता है कि जो व्यक्ति 23 मार्च को संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हुआ हो वह आज 20 सितंबर को भी अस्पताल में ही रहे।
यदि करना ही है तो 23 मार्च को एक्टिव केस की तुलना में 20 सितंबर को एक्टिव की संख्या का तुलनात्मक अध्ययन करना चाहिए। जैसा कि टेस्ट की क्षमताओं के बारे में किया गया।