तीन दोस्त, जो हर समस्या से आपको बाहर निकाल ले जाते हैं - MOTIVATIONAL ARTICLE IN HINDI

Bhopal Samachar
शक्ति रावत।
महामारी के इस दौर में चारों तरफ निराशा का वातावरण है, जिस चेहरे को भी हम देखें, वही चिंता से घिरा नजर आता है, लोगों मे चिंता है, भविष्य को लेकर, आने वाले कल को लेकर। जो कि स्वाभिक भी है। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, जीवन में कि अचानक यह महामारी का महासंकट आ गया। अब सवाल यह उठता है, कि इस निराशा और नकारात्मकता के महौल में आप क्या सोच रहे हैं। 

इंसान की हिम्मत ने हर मुश्किल को बौना साबित किया है

क्या आप भी बाकी लोगों की तरह सिर्फ चिंता ही कर रहे हैं, या फिर आपके पास इस चुनौती से निपटने का कोई प्लान है, जीवन तो हमेशा से ही अनिश्चत है, कब क्या हो कोई नहीं जानता, लेकिन इसके बाद भी इंसान ने अपने हौंसले और साहस से हमेशा चुनौतियों का डटकर सामना किया है। हमारा इतिहास इस बात का गवाह है, कि इंसान की हिम्मत ने हर मुश्किल को बौना साबित किया है। 

समस्या से बाहर निकलने आपको कौन से दोस्तों की जरूरत पड़ेगी

जब कोई मुश्किल या चुनौती सामने होती है, तब दो ही रास्ते होते हैं, या तो हम बैठकर उसकी चिंता करें और रोना रोएं और या फिर उससे बाहर निकलने का रास्ता तलाशने में जुट जाएं। मैं हमेशा दूसरा रास्ता अपनाने को कंहूूगा, क्योंकि यह आशा और उम्मीद से भरा हुआ है, और दूसरे विकल्प पर चलने के लिए आपको तीन मित्र चाहिये, तो आईये आज बात करते हैं, ऐसे ही तीन साथियों की, जिनसे दोस्ती करके आप इस विपरीत पस्थिति में हिम्मत रखने के साथ ही आगे का रास्ता तय कर सकते हैं। जो आपको परिस्थिति के मुकाबले की प्रेरणा देंगे। 

इनमें सबसे पहला साथी है, विश्वास-

दूसरे क्या कहते हैं, यह कीमती नहीं है, बल्कि कीमती यह है, कि आप क्या सोचते हैं, जब दूसरे हालात को कोस रहे हैं, तब भी अगर आपके मन में भरोसा कायम है, मतलब आप सही रास्ते पर हैं, यह यकीन रखिये कि दुनिया में कोई ताला ऐसा नहीं है, जिसकी चाबी ना हो, ऐसे ही ईश्वर ने ऐसी कोई समस्या नहीं बनाई जिसका समाधान ना हो या जो कभी खत्म ही ना हो, दुनिया में इससे पहले भी कई समस्याएं आईं और चलीं गईं, ऐसे ही आज नहीं तो कल यह महामारी का संकट भी चला जाने वाला ही है, यह भरोसा अपने अंदर जगाईये। 

दूसरा है, कोशिश- 

बेशक इस साल बुरे वक्त की शुरूआत के बाद से बहुत लोगों ने दुनिया में बहुत कुछ खोया है, तकलीफों और समस्याओं की हजारों कहानियां है, लोगों के पास। लेकिन हम परिणाम से डरकर कोशिश करना नहीं छोड़ सकते, क्योंकि कोशिश ही हर बार आपको आगे ले जाती है। मानाकि, आपकी समस्या भी कम छोटी नहीं होगी, लेकिन दुनिया में लाखों लोग सबकुछ खोने के बाद फिर आगे बढऩे की कोशिश कर रहे हैं, फिर आप इतनी जल्दी कैसे हार मान सकते हैं। नहीं, आपको फिर कोशिश करनी चाहिए, कोशिश करना मत छोडिय़े। गुच्छे की कौन सी चाबी आपकी किस्मत का ताला खोल देगी कोई नहीं जानता, और 

तीसरा और अंतिम दोस्त है, हिम्मत-

विश्वास और कोशिश से पहले हर इंसान को हिम्मत की जरूरत पड़ती है, दुनिया के इतिहास पर नजर डालें तो सैकड़ों नाम गिनाये जा सकते हैं, जिन्होंने अपनी हिम्मत से जिंदगी की कहानी को बदल दिया। गांधीजी भीड़ के सामने बोलने से डरते थे, बु्रसली बचपन में बहुत बीमार रहा करते थे, और उनकी आंखें कमजोर थी, हमारे वर्तमान पीएम का बचपन गरीबी में बीता तो वहीं बेयर ग्रिल्स की रीढ़ की हड्डी टूटने के बाद डॉक्टरों को उनके फिर से खड़े होने का भी भरोसा नहीं था। बावजूद इसके वे आज दुनिया के लगभग सभी ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ चुके और दुनियाभर के खतरे उठाते हैं, इनमें से किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं थी। 

ये सिर्फ चंद नाम है, ऐसे और भी कई लोग हैं, जिन्होंने हिम्मत जुटाकर तकदीर का रूख मोड़ दिया। आपने एक कहावत अगर सुनी होगी, जिसका आसान अनुवाद होता है, कि हिम्मत करने वाला हाथी को भी बांध सकता है, और मैं मानता हूं आपके अंदर भी हिम्मत की कोई कमी नहीं है। तो बस चिंता को खूंटी पर टांग दीजिए, और उम्मीद का दामन पकडिय़े। मैं यह भी मानता हूं कि विपरीत परिस्थति में हिम्मत बनाये रखना आसान नहीं होता, लेकिन इसके अलावा दूसरा विकल्प नहीं अगर हमें इस अंधेरी रात से बाहर निकलना है, तो हिम्मत चाहिए। आपको खुद से कहना होगा, कि मैं इतनी आसानी से टूटने वाला नहीं हूं, मैं इस अंधेरे बाहर जरूर निकलकर दिखाऊंगा, और देखना आप जरूर विजेता बनकर निकलेंगे, क्योंकि आप टूटने के लिए नहीं बल्कि रिकार्ड तोडऩे के लिए बने हैं। 
लेखक शक्ति रावत, मोटीवेशनल स्पीकर भी हैं। 

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