भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव की रैलियों और सभाओं के कारण पिछले 1 महीने में आधे से ज्यादा मध्यप्रदेश में संक्रमण तेजी से फैलता हुआ दिखाई दिया है। 32 जिले ऐसे हैं जहां प्रत्येक जिले में एक हजार से ज्यादा लोग महामारी से पीड़ित हुए। यह बताने की जरूरत नहीं कि परिवार में एक व्यक्ति के संक्रमित हो जाने का मतलब कम से कम 1 महीने के लिए पूरे परिवार के रोटी रोजगार बंद हो जाते हैं। पहले सरकार फ्री इलाज करवा रही थी परंतु अब तो प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए जमीनों की रजिस्ट्री और गहने गिरवी रखने पड़ रहे हैं। मणप्पुरम गोल्ड लोन कंपनी का रिकॉर्ड बताता है कि गहने गिरवी रख कर नगद पैसे लेने वालों की संख्या कम से कम दोगुनी हुई है।
MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 25 SEPTEMBER 2020
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 25 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
25603 सैंपल की जांच की गई।
149 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
23376 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
2227 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
30 मरीजों की मौत हो गई।
2743 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 117588
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2152
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 93238
25 सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 22198
MADHYA PRADESH COVID UPDATE NEWS TODAY 25 SEPTEMBER 2020
कई दिनों बाद आज की सरकारी रिपोर्ट में डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों से ज्यादा है।
आज की रिपोर्ट में पॉजिटिविटी रेट 8.6% बताई गई है। सितंबर के महीने में शायद यह पहला दिन है जब पॉजिटिविटी रेट 9% से कम है।
जिन जिलों में उपचुनाव नहीं है एवं उपचुनाव वाली विधानसभा में आने जाने का रास्ता नहीं है वहां संक्रमण काफी कम है।
ग्वालियर में हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद राजनीतिक कार्यक्रमों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है।
इंदौर में मुख्यमंत्री हो ठंडा खाना देने वाले खाद्य अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया परंतु मुख्यमंत्री के जाने के बाद सामूहिक भोजन कार्यक्रम में प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले आयोजक के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम जारी हो चुका है। 29 सितंबर को मध्यप्रदेश उपचुनाव की घोषणा भी हो जाएगी। सरकार और दोनों पार्टियों के नेता चुनाव में व्यस्त रहेंगे। जनता को अपना ध्यान खुद रखना पड़ेगा।