भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे में 35 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। 25,000 के टारगेट के विरुद्ध 21638 सैंपल की जांच की गई जिसमें से 1957 पॉजिटिव पाए गए और अस्पतालों से 2373 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। सरकारी रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के 52 में से 47 जिलों में महामारी का प्रकोप (अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 100 से ज्यादा) दिखाई दे रहा है।
MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 28 SEPTEMBER 2020
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 28 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
21638 सैंपल की जांच की गई।
103 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
19681 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
1957 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
35 मरीजों की मौत हो गई।
2373 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 124166
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 2242
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 99944
28 सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 21980
MADHYA PRADESH COVID UPDATE NEWS TODAY 27 SEPTEMBER 2020
सरकार खुश है कि मध्यप्रदेश में महामारी का शिकार होने के बाद स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 1 लाख तक पहुंच गई है। हालांकि, इसके पीछे का दूसरा कड़वा सच यह है कि तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद 124000 लोग संक्रमण का शिकार हुए और 2242 लोगों की अकाल मृत्यु हुई।
मध्यप्रदेश में अजीब सी स्थिति बनने लगी है। एक तरफ स्वास्थ्य विभाग के लोग आने वाले अक्टूबर और नवंबर महीने को पहले से ज्यादा खतरनाक बता रहे हैं और दूसरी तरफ उप चुनाव का प्रचार कर रहे नेता कोरोनावायरस को कमजोर और नागरिकों को मजबूत बता रहे हैं।
कई दिनों के बाद ग्वालियर के सामने संक्रमित नागरिकों की संख्या 100 से कम दिखाई दी।
सरकारी समीक्षा रिपोर्ट में इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर का दो जिक्र तक बंद हो गया है।
मध्य प्रदेश के सबसे संक्रमित 10 जिलों में उपरोक्त 4 के अलावा खरगोन, उज्जैन, मुरैना, सागर, नरसिंहपुर और धार शामिल है।
मध्य प्रदेश के 52 में से 51 जिले ऐसे हैं जहां संक्रमण के कारण एक या एक से अधिक व्यक्तियों की अकाल मृत्यु हुई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्पष्ट रूप से कह दिया है कि फेस मास्क ही कोरोनावायरस की वैक्सीन है। इसका एक तात्पर्य यह भी है कि आने वाले दिनों में संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया जाएगा।
विभिन्न जिलों के कलेक्टरों का फोकस फेस मास्क नहीं लगाने वाले लोगों से चालान वसूली पर ज्यादा नजर आ रहा है। जबकि तय किया गया था कि यदि कोई बिना फेस मास्क के दिखाई दिया तो उसे अच्छी क्वालिटी का फेस मास्क दिया जाएगा और जुर्माने के तौर पर फेस मास्क की कीमत वसूली जाएगी।