भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस कहर बनकर टूट पड़ा है। संक्रमित हुए नागरिकों की संख्या 90000 से अधिक हो गई है। आज की तारीख में अस्पतालों में 21 हजार से ज्यादा लोग भर्ती हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों के परिजनों से अवैध वसूली की जा रही है। आज की सरकारी रिपोर्ट में पॉजिटिव की रेट 11% से अधिक रहा। यानी प्रत्येक 100 में से 11 लोग पॉजिटिव पाए गए। यह बेहद गंभीर स्थिति है। शिवराज सिंह सरकार आम नागरिकों को फेस मास्क लगाने के लिए पाबंद नहीं कर पाई है। हालात यह है कि चुनावी सभाओं में मंत्री और नेता तक बिना फेस मास्क के घूम रहे हैं।
MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 14 SEPTEMBER 2020
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 14 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
20855 सैंपल की जांच की गई।
129 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
18372 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
2483 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
29 मरीजों की मौत हो गई।
1713 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 90730
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1791
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 67711
14 सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 21228
14 सितंबर 2020 को मध्यप्रदेश में संक्रमित इलाकों की संख्या 7020
mp corona status today and update
मध्यप्रदेश में हालात नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं। अस्पतालों में मरीजों के साथ लूट जारी है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में मरीजों के कपड़े बदलने तक के पैसे लिए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की संख्या 90000 से अधिक हो गई यह बड़ी चिंता का विषय नहीं है लेकिन अस्पतालों में भर्ती नागरिकों की संख्या 21228 हो गई यह बेहद चिंता का विषय है।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुला आरोप लगाया है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है।
मध्य प्रदेश में प्राइवेट अस्पतालों के हालात ये हैं कि डॉक्टरों और उनके परिजनों तक को भर्ती नहीं किया जा रहा।
इंदौर में मरीज को भर्ती करने से पहले ₹300000 एडवांस जमा कराना पड़ता है।
आज की सरकारी रिपोर्ट में पॉजिटिविटी रेट 11.9% दिखाया गया है। इसे खतरे के निशान से ऊपर कहा जाना चाहिए। प्रत्येक 100 में से करीब 12 लोग पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश में प्रतिदिन पॉजिटिव पाए जाने वाले नागरिकों की संख्या डिस्चार्ज किए जाने वाले नागरिकों से अधिक है।
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि मध्य प्रदेश के 7000 इलाके (गांव, मोहल्ले, कॉलोनिया) संक्रमित पाए गए हैं। भले ही सरकार ने इन्हें 100% कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया लेकिन इलाके में संक्रमण है जो लोगों को प्रभावित कर रहा है।
कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार किसी भी कार्यक्रम में 100 नागरिकों से अधिक की उपस्थिति नहीं हो सकती लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन हो रहा है।
चुनाव के लिए मध्य प्रदेश के नागरिकों की जान खतरे में डाल दी गई है।