भोपाल। मध्य प्रदेश का ओवरऑल पॉजिटिविटी रेट आज भी (13.5%) डराने वाला है। पिछले 24 घंटे में 42 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यानी सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार हर आधे घंटे में एक व्यक्ति की मौत होने लगी है। बावजूद इसके नेताओं की रैलियों में भीड़ नजर आ रही है। पब्लिक प्लेस पर लोग बेपरवाह बिना फेस मास्क के घूमते नजर आ रहे हैं। जनता को लगता है कि सरकारी आंकड़े किसी ना किसी भ्रष्टाचार से जन्म लेते हैं परंतु नागरिकों की मृत्यु होने पर तो लोगों को गंभीर हो जाना चाहिए। नेता कार्यक्रम बना रहे तो बनाने दीजिए, बड़ा सवाल है कि जान का जोखिम उठाकर जनता भीड़ क्यों लगा रही है।
MADHYA PRADESH CORONA BULLETIN 19 SEPTEMBER 2020
संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 19 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:-
19202 सैंपल की जांच की गई।
189 सैंपल रिजेक्ट हो गए।
16602 सैंपल नेगेटिव पाए गए।
2607 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।
42 मरीजों की मौत हो गई।
2206 मरीज डिस्चार्ज किए गए।
मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 103065
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1943
मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 79158
19 सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 21964
19 सितंबर 2020 को मध्यप्रदेश में संक्रमित इलाकों की संख्या 7513
गैर राजनीतिक लोगों को आगे आना होगा
आम नागरिकों को कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाने के लिए बहुत जरूरी हो गया है कि मध्य प्रदेश के ऐसे ही प्रभावशाली लोग जो किसी भी राजनीतिक दल से वित्त पोषित या प्रभावित नहीं होते, आगे आए और सोशल मीडिया या संवाद के लिए जिस भी साधन का उपयोग वह करते हैं, लोगों को समझाएं। दुनिया के कई देश फिर से लॉक डाउन करने लगे हैं। पड़ोसी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को 7 दिन के लिए टोटल लॉक डाउन कर दिया गया है। यदि इस परिस्थिति से बचना है तो बहुत जरूरी है कि फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड वॉश की आदत डाल दी जाए। प्रभावशाली लोग बेहतर समझ सकते हैं कि आम जनता को इसकी आदत डलवाना कितना मुश्किल काम है। वह फेस मास्क के ₹50 बचाने के लिए जान का जोखिम लेने तैयार रहते हैं। परंतु यह करना होगा। हमें सरकार की निंदा या व्यवस्थाओं में कमियां नहीं निकालनी परंतु नागरिकों की जान बचाना और लोगों को समझाना समाज की अग्रिम पंक्ति में खड़े लोगों की जिम्मेदारी है।