भोपाल। केंद्र सरकार से मिली छूट के बाद मध्य प्रदेश का स्कूल शिक्षा विभाग कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक के सरकारी स्कूलों को 21 सितंबर से खोलने जा रहा है। इसे लेकर विभागीय स्तर पर काफी तैयारियां चल रही है लेकिन विद्यार्थियों को स्कूल आने जाने के लिए साइकिल वितरण का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है। हालात यह है कि स्कूल भवन को संक्रमण मुक्त करने का बजट तैयार कर लिया गया है परंतु साइकिल खरीदने के लिए टेंडर तक जारी नहीं किए।
हर साल स्कूल चले हम योजना के तहत शासन की ओर से सरकारी स्कूल के छठीं व 9वीं के विद्यार्थियों को निश्शुल्क साइकिल दी जाती है। प्रदेश के करीब साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों को साइकिल दी जाती है। इसमें छठीं के दो लाख और 9वीं के साढ़े तीन लाख विद्यार्थी शामिल होते हैं। एक साइकिल तीन हजार 356 रुपए के मान से साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों के लिए करीब 200 करोड़ रुपये साइकिल खरीदने पर खर्च होते हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन की ओर से अब तक साइकिल देने के आदेश नहीं मिले हैं, इसलिए अब तक टेंडर भी नहीं किया गया है।
मैपिंग न होने से कई विद्यार्थी वंचित रह जाते हैं
हर साल विभाग की ओर से सही से मैपिंग न होने से कई पात्र विद्यार्थी साइकिल मिलने से वंचित रह जाते हैं। विभाग ने अब तक मैपिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं की। कई विद्यार्थियों को तो सत्र के अंत में साइकिल दी जाती है।
साइकिल के संबंध में कोई आदेश नहीं मिला: कमिश्नर DPI
जयश्री कियावत, आयुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय का कहना है कि अभी शासन के आदेश पर मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप देने की तैयारी चल रही है। साइकिल के संबंध में कोई आदेश नहीं मिला है।