भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं 2018 के विधानसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं कमलनाथ के मुकाबले में सीएम कैंडिडेट की दावेदारी जताने वाले कांग्रेसी नेता अजय सिंह राहुल के एक्टर बेटे अरुणोदय सिंह के तलाक का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। अजय सिंह की विदेशी बहू ने भोपाल के कुटुंब न्यायालय में हुए तलाक के फैसले को चुनौती दी है। लोगों को याद होगा कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल ने अपने बेटे अरुणोदय सिंह की शादी बड़ी ही धूमधाम और शाही अंदाज में की थी। जैसे राजे रजवाड़ों में हुआ करती है।
एक्टर अरुणोदय सिंह की पत्नी ने एकतरफा तलाक को हाईकोर्ट में चुनौती दी
कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल के फिल्म अभिनेता पुत्र अरुणोदय सिंह को भोपाल की कुटुम्ब न्यायालय से मिले तलाक को उनकी विदेशी पत्नी ली एनी एल्टन ने मप्र हाईकोर्ट में चुनौती दी है। भोपाल की कुटुम्ब न्यायालय के निर्णय के खिलाफ दायर अपील में तलाक की डिक्री को निरस्त करने की माँग की गई है। जस्टिस संजय यादव और जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बैंच ने भोपाल की कुटुम्ब न्यायालय से 15 दिन में तलाक से संबंधित रिकॉर्ड तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को नियत की गई है।
कुटुंब न्यायालय में कुत्तों की लड़ाई पर पति को एकतरफा तलाक का लाभ दिया गया था
कनाडा निवासी ली एनी एल्टन की ओर से दायर अपील में कहा गया है कि उसका विवाह 3 दिसंबर 2016 को शिवाजी नगर भोपाल निवासी अरुणोदय सिंह के साथ हुआ था। आपस में विवाद होने पर वह अप्रैल 2019 से कनाडा में जाकर रहने लगी। इसी दौरान उनके पति अरुणोदय सिंह ने भोपाल की कुटुम्ब न्यायालय में तलाक का प्रकरण दायर किया। प्रकरण में कहा गया कि अरुणोदय के पास पहले से एक डॉग था, ली एनी भी एक डॉग लेकर आ गई थी। दोनों डॉग आपस में अक्सर लड़ा करते थे, जिसके कारण पति-पत्नी के बीच विवाद होता था। इसके साथ ही ली एनी पर गर्भवती नहीं होने का भी आरोप लगाया गया था।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता अजय सिंह की एक्टर बेटे के तलाक का रिकॉर्ड तलब किया
अपीलकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि भोपाल की कुटुम्ब न्यायालय ने ली एनी का पक्ष सुने बगैर 18 दिसंबर 2019 को अरुणोदय सिंह को एकपक्षीय तलाक दे दिया है। जिस समय तलाक का निर्णय हुआ, उस समय ली एनी कनाडा में थी। इसके साथ ही क्रूरता के आरोप भी ऐसे नहीं हैं, जिसके आधार पर तलाक दिया जा सके। डिवीजन बैंच से तलाक की डिक्री को निरस्त करने का अनुरोध किया गया है। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने 15 दिन में भोपाल की कुटुम्ब न्यायालय से रिकॉर्ड तलब किया है।