भोपाल। सरकारी दस्तावेजों में कुछ भी लिखा हो लेकिन मध्य प्रदेश की राजनीति से जुड़ा हर व्यक्ति जानता है कि शिवराज सिंह सरकार में विधानसभा सत्र का संचालन नरोत्तम मिश्रा करते हैं। इस बार वो एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। 21 सितंबर को आयोजित होने वाला विधानसभा सत्र मात्र 5 घंटे का होगा। मध्य प्रदेश के इतिहास में यह सबसे छोटा सत्र होगा।
कोरोनावायरस के कारण चुनावी सभाएं कम नहीं हुई लेकिन विधानसभा सत्र छोटा होगा
सरकार आपदा को अपने तरीके से अवसर बना लेती है। जिस मध्यप्रदेश में ताबड़तोड़ चुनावी सभाएं चल रही है, प्रोटोकॉल राई की तरह बिखरा पड़ा है उसी मध्यप्रदेश में विधानसभा का सत्र कोरोनावायरस के नाम पर छोटा कर दिया गया। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से पहली बार सत्र इतना छोटा होने का पूछने पर उन्होंने कहा कि कोरोना भी तो पहली बार आया है। हमारे महाराज रीवा जिले के सिरमौर से विधायक दिव्यराज सिंह दोबारा कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। वे दो महीने पहले कोरोना को मात देकर आए थे। एक विधायक की मृत्यु भी कोरोना से हुई है। हमें इसका काफी अफसोस है। हमें इसकी गंभीरता को समझना चाहिए।
कमलनाथ ने प्रश्नकाल स्थगित करने पर सहमति जता दी
मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र बुलाने के लिए मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। पहली बार प्रश्नकाल को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान सिर्फ बजट ही पास किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ की इस पर सहमति देने के बाद ही एक दिन के सत्र 21 सितंबर को बुलाया गया। कुल मिलाकर जिस सत्र में विधायकों को अपने क्षेत्र की जनता की आवाज उठाने का अवसर मिलता है, वह अवसर ही उनसे छीन लिया गया।