भारत में जमीन पर चलने वाले सभी वाहनों (BIKE, CAR, BUS या फिर TRUCK) के चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस परिवहन विभाग द्वारा दिया जाता है। आम बोलचाल की भाषा में हम RTO भी कहते हैं। इसकी एक निर्धारित प्रक्रिया होती है। आवेदन करने के बाद टेस्ट देना पड़ता है उसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। सवाल यह है कि जमीन पर चलने वाली ट्रेन के ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस कौन जारी करता है। क्या परिवहन विभाग द्वारा इसके लिए कोई स्पेशल ब्रांच संचालित की जाती है। दूसरा सवाल यह भी है कि क्या ट्रेन चालक के पद पर आवेदन करने से पहले लाइसेंस होना अनिवार्य है।
2015 में रेलवे से रिटायर हुए श्री ए के कुमार बताते हैं कि RRB यानी रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा सहायक चालक के पद पर उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाती है। नियुक्ति के बाद सभी का मेडिकल टेस्ट होता है और फिर उन्हें ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया जाता है। इसी ट्रेनिंग स्कूल में उन्हें रेल का इंजन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद परीक्षा होती है और अंत में मंडल यांत्रिक इंजीनियर या मंडल विद्युत इंजीनियर द्वारा कंपेटेंसी सर्टिफिकेट (competency certificate) प्रदान किया जाता है। आप इसी सर्टिफिकेट को ड्राइविंग लाइसेंस कह सकते हैं। यानी ट्रेन के ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस भारत के परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी नहीं किया जाता बल्कि रेल विभाग द्वारा जारी किया जाता है।
क्या सहायक चालक के पद हेतु आवेदक के पास ट्रेन का ड्राइविंग लाइसेंस होना जरूरी है
अब तक आप समझ ही गए होंगे कि कार ड्राइविंग स्कूल की तरह ट्रेन ड्राइविंग स्कूल नहीं होते और आरटीओ कार्यालय से ट्रेन का ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं होता है लेकिन सहायक चालक का ड्राइवर होना अनिवार्य है इसलिए व्यवहारिक तौर पर देखा जाता है कि उसके पास परिवहन विभाग का ड्राइविंग लाइसेंस जरूर हो। यदि उसके पास हेवी मोटर व्हीकल कार ड्राइविंग लाइसेंस है तो उसे प्राथमिकता दी जा सकती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)