भोपाल। भारतीय जनता पार्टी से दल बदल कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई पूर्व विधायक पारुल साहू ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। बीते रोज सोशल मीडिया पर समाचार वायरल हुआ था कि पारुल साहू को कांग्रेस पार्टी ने अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित कर दिया है परंतु थोड़ी ही देर बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस समाचार का खंडन कर दिया था।
कांग्रेस का टिकट मिले ना मिले: पारुल साहू का जनसंपर्क शुरू
पारूल साहू ने पहले यहां स्थित जलंधर माता मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लिया और फिर जनता का आशीर्वाद लेने निकल पड़ीं। इस तरह से उन्होंने टिकट मिलने से पहले ही जनसंपर्क अभियान की विधिवत शुरुआत कर दी। पारूल साहू इसी महीने 18 सितंबर को बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई हैं।
गोविंद सिंह राजपूत की हालत पहले खराब थी, पारुल साहू के बाद समीकरण बदलेंगे
इधर पारुल साहू के कांग्रेस में शामिल होने से पहले भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत की हालत काफी खराब थी। उन्होंने अपने पोस्टर में से ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान को गायब कर दिया था। भगवान राम के नाम पर वोट मांगे जा रहे थे। गांव-गांव वितरित किए जा रहे हैं चुनावी पोस्टर पर भगवान श्री राम के अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गोविंद सिंह राजपूत के फोटो थे।
अब गोविंद सिंह को गद्दार कैसे कहेगी कांग्रेस
पारुल साहू के कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने से, कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। उनका कहना था कि गोविंद सिंह राजपूत की गद्दारी उपचुनाव में हमारा मुख्य मुद्दा था। हम जनता को बता रहे थे कि किस तरह लालच में आकर गोविंद सिंह राजपूत ने उस पार्टी से गद्दारी की जिसने उन्हें जीवन में एक मुकाम और पहचान दी थी। अब पारुल साहू भी गोविंद सिंह की तरह दल बदल कर कांग्रेस में आ गई है और खुद को कांग्रेस का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। सवाल सिर्फ यह है कि जब दोनों ही प्रत्याशी दल बदलू हो गए हैं तो फिर गोविंद सिंह को गद्दार किस मुंह से कहेंगे।