प्रिया राठौर- जिन्होंने मध्य प्रदेश राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल की 12वीं कक्षा की हायर सेकेंडरी बोर्ड की वर्ष 2019- 20 की परीक्षा में गणित विज्ञान संकाय में 99% अंक प्राप्त कर राज्य स्तरीय प्राविण्य प्रावीण्य सूची में पहला स्थान प्राप्त किया। आइए प्रिया की लाइफ को समझने की कोशिश करते हैं, पता लगाते हैं कि प्रिया ने ऐसा क्या किया जो बाकी की लाखों लड़कियां नहीं कर पाईं।
प्रिया राठौर का जन्म 8.01.2004 को मंदसौर के पास एक गांव कनघट्टी में हुआ। उनके पिता एक सीमांत किसान तथा मां एक ग्रहणी है। प्रिया राठौर का कहना है कि मैंने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के उस कथन को ध्यान में रखा था कि "यदि बड़ी सफलता प्राप्त करनी है तो लक्ष्य भी बड़ा रखो"। इन्होंने 12वीं कक्षा में 500 में से 495 यानी 99% अंक प्राप्त किए हैं।
प्रिया, एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, जो आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। मगर उनके पिता श्री शंभू लाल राठौर ने कभी बच्चों की पढ़ाई में पैसों की कमी नहीं आने दी। उनकी मां श्रीमती निर्मला राठौर एक ग्रहणी है साथ ही खेती किसानी के काम में भी मदद करती हैं। प्रिया बताती हैं कि वह अपने गांव कनघट्टी से लगभग 15 किलोमीटर दूर मंदसौर पढ़ने आती थी। इस आवाजाही में में थकान तो होती थी। मगर वह नियमित स्कूल जाती थी और इसे एक एक्सरसाइज की तरह मानती थी।
Moral of the story
Moral of the स्टोरी यह है कि यदि हम अपनी परेशानियों को ही अपनी सीढ़ियां बना ले तो मंजिल तक पहुंचना आसान हो जाता है या यूं कहें कि अगर हम चुनौती को ही अवसर में बदलने की कला जानते हैं तो हम हौसले की उड़ान आसानी से भर सकते हैं। जैसे कि प्रिया राठौर ने अपनी स्कूल आने जाने की थकान को ही एक्सरसाइज या व्यायाम मान लिया और निरंतर आगे बढ़ती गई। प्रिया आगे चलकर आईएएस (Indian Administrative Services) परीक्षा में चयनित होकर एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में देश की सेवा करना चाहती हैं। हम भोपाल समाचार की ओर से उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हैं।