ग्वालियर। बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार सुख सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं करवा चौथ पर लगभग 13 घंटे 22 मिनट तक निर्जला व्रत रखेंगी कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दिन 4 नवंबर को सुबह सूर्योदय से लेकर रात 8:27 तक करवा चौथ का व्रत रखना होगा।
करवा चौथ का व्रत कितने बजे से कितने बजे तक
कार्तिक मास चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर को सुबह 3:24 पर हो रहा है वहीं चतुर्थी का समापन 4 नवंबर को शाम 5:14 पर होगा ऐसे में करवा चौथ का व्रत 4 नवंबर को रखा जाएगा इस दिन चंद्रोदय का समय 8:27 पर है चंद्रमा के उदय होने के साथ ही व्रत रखने वाली महिलाएं चंद्रमा को जल समर्पित कर व्रत को पूर्ण करेंगे।
करवा चौथे के व्रत में सरगी से क्या होता है
करवा चौथ मनाने को लेकर महिलाएं उत्साहित हैं बुजुर्ग महिलाएं भी तैयारी में जुट गई हैं 4 नवंबर को मनाए जाने वाले करवा चौथ पर्व के लिए बाजारों में महिलाएं खरीदारी कर अपने पसंद के जेवर व साडिय़ा ले रही हैं वहीं सासू मां का सरगी तैयार करने के लिए सामानों की खरीददारी की जा रही है बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि करवा चौथ पति पत्नी के साथ-साथ बहू के रिश्तो को भी मजबूत करता है सास बहू को सरगी के रूप में मिठाइयां फल तथा सिंगार का सामान देती हैं तो इससे आपस में प्यार व आदर की भावना का विकास होता है।
सास का आशीर्वाद है सरगी
आरआर टावर बहोड़ापुर निवासी श्रीमती विद्या सोनी बताती हैं करवा चौथ का व्रत के दिन भोर में सास अपनी बहू को सरगी देती है यह एक तरह से उनका आशीर्वाद ही होता है वही सरगी की थाली सास बहू के लिए तैयार करती है ताकि वह व्रत पूरा कर सके सरगी थाली में मिठाइयां सिमैया सूखे मेवा नारियल फल साड़ी व ज्वेलरी दिया जाता है।