अच्छी बच्ची / पढ़ाई पूरी करने 13 साल बाद पिता ढूंढा और केस ठोक दिया - BHOPAL MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 17 साल की लड़की ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए 13 साल पहले उसे छोड़ कर चले गए पिता को खोजा और उनके खिलाफ केस ठोक दिया। कुटुंब न्यायालय में काउंसलिंग के बाद लड़की के बायोलॉजिकल पिता ने उसकी पढ़ाई का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली।

दरअसल, लड़की के माता-पिता के बीच 13 साल पहले तलाक हो गया था। दोनों ने दूसरी शादी कर ली थी और अपने नए जीवन साथी के साथ रह रहे थे। बेटी अपनी मां के साथ थी और लड़की की मां ने उसके सौतेले पिता को ही उसका असली पिता बताया था। उसने 12वीं पास कर ली तो कॉलेज की पढ़ाई के लिए सौतेले पिता ने इन्कार कर दिया, लेकिन वह आगे पढ़ना चाहती थी। इसी तरह के दौरान उसे पता चला कि जिसे वह अपने पिता मानती है असल में वह उसका सौतेला पिता है।

इसलिए उसने अपने सगे पिता की तलाश शुरू कर दी। पता चला कि उसके पिता अजमेर में रहते हैं। उन्होंने दूसरी शादी कर ली है और उनका अपना पूरा परिवार है। माता-पिता दूसरी शादी कर के अपने अपने परिवार में खुश थे परंतु उन दोनों की बेटी पढ़ाई पूरी करने के लिए परेशान हो रही थी। लड़की ने गुस्से में आकर अपने माता-पिता के खिलाफ भरण पोषण के लिए कोर्ट केस ठोक दिया।

पिता ने गुजारा भत्ता देने से इंकार कर दिया था

काउंसिलिंग में अजमेर से आए पिता ने कहा कि 2003 में पहली शादी हुई थी और 2007 में दोनों अलग हो गए। इसके बाद दोनों ने दूसरी शादी कर ली। अब मेरी दूसरी पत्नी से दो बेटे हैं। उसका पहली पत्नी से तलाक हो गया तो वह बेटी को गुजारा भत्ता नहीं दे सकते। काउंसलर ने पिता की काउंसिलिंग कर समझाया।

कानून की किताब दिखाई तो पिता को सब समझ में आ गया

इसके बाद पिता बेटी का खर्च उठाने के लिए तैयार हो गया। मामले की काउंसलर सरिता राजानी ने पिता से कहा कि अपनी बेटी को किसके भरोसे छोड़ दिया, अगर सौतेला पिता उसे पढ़ाना नहीं चाहता है तो उन्हें उसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। इसके बाद पिता बेटी को हर माह हॉस्टल व पढ़ाई का खर्च देने के लिए तैयार हो गया। साथ ही बेटी की शादी भी कराने की इच्छा जताई।

लड़की ने बताया, उसे क्यों अपने माता-पिता के खिलाफ कोर्ट में आना पड़ा

बेटी ने काउंसिलिंग में कहा कि जब उसके माता-पिता का तलाक हुआ तो वह बहुत छोटी थी। वह अपने सौतेले पिता को ही पिता मानती थी, लेकिन जब उन्होंने मेरी पढ़ाई पर रोक लगा दी तो मां ने भी कुछ नहीं कहा। तब मैंने अपने पिता के बारे में जानकारी जुटाई। उसने कहा कि दोनों ने दूसरी शादी कर ली और अपने-अपने परिवार में खुश हैं। अब कोई भी उसकी जिम्मेदरी उठाने के लिए तैयार नहीं है। इसलिए मुझे कोर्ट में केस लगाना पड़ा।

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