भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के रिकॉर्ड से 16215 शिक्षक गायब है। वह कहां है और क्या कर रहे हैं किसी को कुछ नहीं पता। बस इतना पता है कि एजुकेशन पोर्टल पर उनकी जानकारी अपडेट नहीं है। लोक शिक्षण संचालनालय पिछले डेढ़ महीने से लापता शिक्षकों की तलाश कर रहा है परंतु समाचार लिखे जाने तक उसे कोई सफलता नहीं मिली थी।
लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) द्वारा संयुक्त संचालकों को 7 सितंबर को पत्र जारी किए गए थे और सभी जिलों से जानकारी मांगी गई थी, ताकि सूची को अपडेट किया जा सके। लेकिन डेढ़ माह बाद भी विभाग गायब शिक्षकों को ढूंढ नहीं पाया है। डीपीआइ द्वारा जारी किए पत्र में सत्र 2018-19 में 3,20,440 शिक्षक पोर्टल पर दर्ज थे। वहीं 2019-20 के जारी किए गए आंकड़ों में शिक्षकों की संख्या 3,04,225 रह गई है। यानी 16,215 शिक्षकों की जानकारी एजुकेशन पोर्टल से गायब हैं। इससे कई जिलों के स्कूलों में शिक्षण कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा सिंगरौली जिले में शिक्षक पोर्टल पर दर्ज नहीं हैं। इसके लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारिेयों को फिर से जानकारी अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों की गिनती करने के लिए लगाया
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि 16 हजार शिक्षकों के कम दर्ज होने से केंद्र से शासकीय अनुदान में कमी हो जाएगी। इस कारण जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिक्षकों की संख्या की गिनती कर पोर्टल पर जल्द से जल्द अपडेट किया जाए, ताकि स्कूल खुलने पर या ऑनलाइन कक्षा के दौरान शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। इनमें छोटे जिले के शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, जो ऑनलाइन दर्ज नहीं हैं।
इन जिलों में ज्यादा गड़बड़ी
सिंगरौली - 1090
शिवपुरी - 997
सागर - 873
देवास - 782
बड़वानी- 745
विदिशा- 738
खंडवा - 685
सीधी - 670
टीकमगढ़- 573
उज्जैन- 548
छतरपुर- 546
झाबुआ- 502
कटनी - 678
बडे़ शहरों में संख्या कम
भोपाल- 6
इंदौर - 120
होशंगाबाद- 101
ग्वालियर -76
जबलपुर- 30
मध्य प्रदेश से पिछले 2 साल में गायब हुए 16215 शिक्षक
दो साल के आंकड़ों में शिक्षकों की संख्या में कमी आई है। इससे शिक्षकों को मिलने वाले अनुदान में कमी आएगी, इसलिए डाटा को जल्द अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
जयश्री कियावत, आयुक्त, डीपीआइ