नई दिल्ली। लॉक डाउन के 6 महीने जबकि RBI ने लोन मोमोरेटोरियम की सुविधा दी थी, जिन दुकानदारों, छोटे उद्योग पतियों, व्यापारियों आदि ने इस सुविधा का लाभ नहीं उठाया है उन्हें CASH BANK का फायदा मिल सकता है। इसके अलावा दो करोड़ रुपये तक कर्ज वाली वो MSMEs जिन्होंने वक्त पर किस्त भरी, उन्हें भी मुआवजा मिल सकता है। वित्त मंत्रालय ने प्लान का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
कठिनाइयों के बावजूद जिन्होंने लोन चुकाया, नजरअंदाज करना गलत होगा
एक सरकारी सूत्र ने कहा, "मोरेटोरियम का विकल्प चुनने वाले कर्जदार को कितना फायदा हुआ, यह पता लगाया जा सकता है। सरकार इसे उन्हें पास कर सकती है जिन्होंने अपना बकाया वक्त पर चुकाया। कठिनाई के बावजूद जो वक्त पर EMI भरते रहे, उन्हें नजरअंदाज करना गलत होगा।"
कर्ज माफी की आलोचना क्यों की जाती है
मोरेटोरियम से जुड़े पूरे आंकड़े अभी तक नहीं आ पाए हैं, इस वजह से अभी डीटेल्स पर काम नहीं हुआ है। एक बार सुप्रीम कोर्ट वित्त मंत्रालय का प्रस्ताव मान ले तो सरकार इस दिशा में आगे बढ़ सकती है। पिछले कुछ सालों में राज्यों ने कई बार किसानों की कर्ज माफी के फैसले किए, जिनकी आलोचना केंद्र और रिजर्व बैंक इस आधार पर कर चुके हैं कि इससे ईमानदार कर्जदाताओं को सजा दी जा रही है।
लोन मोरेटोरियम का किसने फायदा उठाया किसने नहीं, सरकार के पास पूरे आंकड़े नहीं है
अधिकारियों ने कहा कि ऐसे लोगों की अच्छी-खासी तादाद है जिन्होंने छह महीने के मोरेटोरियम का लाभ उठाया लेकिन ऐसे भी कर्जदार हैं जिन्होंने कुछ वक्त के लिए मोरेटोरियम अपनाया। कुछ ने कई दिन तक EMI टाल दी। एक सूत्र ने कहा, 'यह कैलकुलेशन इतनी आसान नहीं है। सरकार के पास अभी सारे आंकड़े भी नहीं हैं, खासतौर से NBFCs और हाउसिंग फायनेंस कंपनीज का।"
लोन मोरटोरियम: राहत देने का क्या तरीका हो सकता है
रेटिंग एजेंसी ICRA के उप-निदेशक अनिल गुप्ता के अनुसार, समय पर भुगतान करने वालों को राहत देने का एक तरीका ये है कि सरकार उनके मूल बकाये में से 'ब्याज पर ब्याज' का एक हिस्सा कम कर दे। उन्होंने कहा, "अगर यह मान लें कि बैंकों और NBFCs के सभी कर्जों का 30-40% से ज्यादा राहत के योग्य नहीं होगा, तो इस कदम पर सरकार को 5,000-7,000 करोड़ का खर्च करना होगा। यह उस स्थिति में होगा जब यह माना गया कि सभी कर्जदारों को राहत देनी है, चाहे उन्होंने मोरेटोरियम लिया हो या नहीं।"
लोन मोरटोरियम: सुप्रीम कोर्ट में भारत सरकार ने क्या कहा है
सुप्रीम कोर्ट को सौंपे हलफनामे में इस बात का जिक्र किया गया है कि अब चक्रवृद्धि ब्याज पर छूट का वहन सरकार करेगी। केंद्र ने कहा, "संभावित सभी विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार किए जाने के बाद सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की पंरपरा बनाए रखी है। इन दो करोड़ रुपये तक के ऋणों की श्रेणियों में एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, उपभोग, व्यक्तिगत और पेशेवर ऋण शामिल हैं, जिन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ करने का फैसला लिया गया है।"