भोपाल। भारत सरकार की फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (FSSAI) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि मध्य प्रदेश के शहर भोपाल, इंदौर और सतना के बाजारों में उपलब्ध सब्जियों में 25% खतरनाक लेड की उपस्थिति मिली है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में पत्ते वाली सब्जियों को छोड़कर अन्य में लेड की सीमा 100 माइक्रोग्राम किलोग्राम है। जबकि टमाटर में 600 माइक्रोग्राम तो भिंडी में 1000 माइक्रोग्राम है। यानी भिंडी और टमाटर जानलेवा हो सकते हैं जबकि से सब्जियां स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मध्य प्रदेश के 4 शहरों की सब्जियों की जांच की गई थी, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाई गई
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (FSSAI) की तरफ से सब्जियों की क्वालिटी का पता लगाने के लिए राजधानी भोपाल, इंदौर, सतना और जबलपुर से 250 नमूने लिए थे। इनमें 25% सब्जियों के नमूनों में हेवी मेटल्स की घातक मात्रा पाई गई। जबकि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से लिए सैंपल्स में 13.06 प्रतिशत की कमी मिली। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लेड, कैडमियम, मर्करी और आर्सेनिक जैसे हेवी मेटल्स अधिक मात्रा में शरीर के लिए घातक होते हैं। इससे किडनी खराब हो सकती है। साथ ही नर्वस सिस्टम और हड्डियों की बीमारियां हो सकती हैं।
सब्जियों में खतरनाक हेवी मेटल्स कहां से आते हैं
सब्जियों में ये जहरीले तत्व कीटनाशकों के इस्तेमाल, मिट्टी में आई खराबी और गंदे पानी से खेती करने पर आते हैं। ये देश के किसी एक शहर या गांव की कहानी नहीं है, बल्कि ये पूरे देश में हो रहा है। लेड, कैडमियम, आर्सेनिक और पारा जैसे तत्व अगर ज्यादा मात्रा में शरीर में चले जाएं तो ये आपको मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार कर सकते हैं और इनमें से कुछ तत्व तो जानलेवा ही होते हैं।