भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हमीदिया अस्पताल में प्रदेश के 15 जिलों से अधिक के नागरिक अच्छे इलाज की प्रत्याशा में आते हैं परंतु हमीदिया के डॉक्टर क्या करते हैं, इसकी एक बानगी उस समय पर पेश आई जब सागर की रहने वाली महिला आशा रानी शर्मा का निधन हो गया। मृत्यु के 4 दिन पहले हमीदिया के डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ घोषित करते हुए छुट्टी कर दी थी।
सागर जिले के मालथोन के रहने वाले परिजन ने बताया कि आशारानी घर में फिसलकर 17 अक्टूबर को गिर गई थीं। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। सागर के चिकित्सकों ने इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल रेफर किया था। यहां न्यूरोसर्जरी वार्ड में उनका इलाज चल रहा था। महिला अचेत थी। उधर, डॉक्टरों ने छुटृटी का पर्चा बना दिया।
परिजन इस बात पर अड़ गए कि जब महिला की हालत ठीक नहीं है तो छुट्टी नहीं कराएंगे। इसके बाद उनकी छुट्टी नहीं की गई। आरोप है कि छुट्टी का पर्चा बना देने के बाद डॉक्टरों ने अस्पताल में महिला का इलाज नहीं किया।
परिजन ने आरोप लगाया है कि सीटी स्कैन में सिर में गंभीर चोट पता चली थी, इसके बाद भी गंभीरता से इलाज करने की जगह डॉक्टर उनकी छुट्टी करने पर तुले थे। इलाज नहीं करने के कारण महिला की बात हुई है। इस संबंध में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आइडी चौरसिया ने कहा कि उन्हें इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है।