ग्वालियर। कांग्रेस हो या बीजेपी सिंधिया राजवंश के साथ ऐसा अक्सर होता रहता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले 4 दिनों तक लगातार खुद को ग्वालियर-चंबल में बीजेपी का चेहरा बताते रहे लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए जो रथ रवाना किए उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया था छोटा सा फोटो तक नहीं है। इसी के साथ कांग्रेस पार्टी को उसका मनचाहा मौका मिल गया और सोशल मीडिया पर जहरीले तानों की वर्षा शुरू हो गई है।
मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। इनमें से 16 सीटें ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाली हैं। इन सीटों पर सिंधिया समर्थकों को टिकट दिए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए डिजिटल रथ रवाना किए हैं। इन वाहनों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का फोटो है परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया का पोस्टर नहीं है। रथ का नारा भी "शिवराज है तो विश्वास है" दिया है जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया बार-बार शिव ज्योति विकास एक्सप्रेस की बात करते हैं।
प्रेशर में ज्योतिरादित्य सिंधिया: गांव-गांव जाकर खुद को महाराज बता रहे थे
16 सीटों पर उपचुनाव को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी दबाव में नजर आ रहे हैं। पिछले 4 दिनों के चुनाव अभियान के दौरान उनके कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। वीडियो में ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को महाराज बताते हुए नजर आए। एक वीडियो में उनके सामने कोई 10-20 आदमी थे और ज्योतिरादित्य सिंधिया उनसे कह रहे थे कि 'सबको बता देना यह चुनाव रक्षा का नहीं महाराज सिंधिया का है।"