भोपाल। बहुजन समाज पार्टी मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में काफी गंभीर और ताकतवर होती दिखाई दे रही है। शुक्रवार को उसने अपने 10 अधिकृत प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम हैं जो अपने क्षेत्र में खासा प्रभाव रखते हैं और जीतने का माद्दा भी। निश्चित रूप से यह लिस्ट भाजपा के लिए समस्या और कांग्रेस के लिए कष्टकारी साबित हो सकती है।
सांवेर विधानसभा से भाजपा के तुलसी सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू के सामने बसपा ने विक्रांत सिंह गहलोत को मैदान में उतारा है। श्री गहलोत काफी ताकतवर नजर आते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र बौद्ध को बसपा ने भांडेर सीट से टिकट दिया है। कहा जाता है कि महेंद्र बौद्ध की भांडेर सीट पर जमीनी पकड़ है। वह कांग्रेस से टिकट के दावेदार थे परंतु कमलनाथ ने उनके दावे पर ध्यान नहीं दिया।
रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट से बसपा ने पूरन सिंह अहिरवार को मैदान में उतारा है।
हरपाल माझी को ग्वालियर, महेश बघेल को ग्वालियर पूर्व, रमेश डाबर को बमोरी (गुना), शंकर सिंह चौहान को सुवासरा (मंदसौर), जितेंद्र वाशिंदे को मांधाता (खंडवा), गोपाल सिंह भिलाला को ब्यावरा (राजगढ़), गजेंद्र बंजारा को आगर से प्रत्याशी चुना गया है। इसके पहले बसपा 8 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। इसमें मुरैना की जौरा, मुरैना, अंबाह, मेहगांव, गोहद, डबरा, पोहरी और करैरा सीटें शामिल थीं।
ग्वालियर-चंबल संभाग में बसपा कितनी वजनदार है
बसपा का दावा है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग की 15 सीटों पर उसे निर्णायक वोट मिले थे। दो सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे क्रम पर रहे, जबकि 13 सीटें ऐसी थीं, जहां बसपा प्रत्याशियों को 15 हजार से लेकर 40 हजार तक वोट मिले थे। ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से मेहगांव, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर, करैरा और अशोकनगर में पूर्व में बसपा जीत दर्ज करा चुकी है। पिछले चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरा दल रहा, जबकि ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और मुंगावली में उसकी मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई। डेढ़ साल पहले मुरैना में भाजपा की पराजय में बसपा की मौजूदगी प्रमुख कारण था। इसके अलावा पोहरी, जौरा, अंबाह में बसपा के चलते भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी।