भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी एवं प्राइवेट कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। फिलहाल एक्स्ट्रा राउंड चल रहा है जो जल्दी खत्म हो जाएगा। इस बार सबसे स्पेशल यह है कि मध्यप्रदेश में साइंस लवर्स की संख्या बढ़ गई है। सबसे ज्यादा एडमिशन आर्ट्स में होते हैं लेकिन उसके बाद मध्यप्रदेश में दूसरे नंबर पर कॉमर्स पसंद किया जाता था लेकिन इस बार ज्यादातर 12वीं पास स्टूडेंट्स ने साइंस (बीएससी में एडमिशन) लिया है।
मध्यप्रदेश में कॉलेज एडमिशन क्लोज, सप्लीमेंट्री और रुक जाना नहीं वालों का का क्या होगा
मध्यप्रदेश में 18 अक्टूबर 2020 को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार यूजी-पीजी में 3.50 लाख एडमिशन हुए हैं, जिनमें यूजी में 2.90 लाख और पीजी में 60 हजार हैं। इनमें आर्ट्स के बाद बीएससी में सबसे ज्यादा एडमिशन हुए हैं। वहीं 1405 कॉलेजों में मूल प्रवेश प्रक्रिया बंद हो गई है। अब ‘रुक जाना नहीं’ और ‘सप्लीमेंट्री’ के विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त राउंड चल रहा है।
कोरोना वायरस के कारण मध्यप्रदेश में साइंस में एडमिशन ज्यादा हुए
साइंस की सीटें फुल कर चुके कॉलेजों के कुछ प्रिंसिपल्स ने कहा कि पिछले साल तक साइंस के अधिकतर स्टूडेंट्स प्रदेश से बाहर पढ़ाई करने चले जाते थे। इसलिए यहां के कॉलेजों में साइंस सब्जेक्ट में एडमिशन कम होते थे। इस बार कोरोना संकमण के कारण पैरेंट्स बच्चों को बाहर पढ़ने के लिए नहीं भेज रहे। ऐसे में इन सभी छात्रों ने प्रदेश के साइंस कॉलेजों में एडमिशन लिया है, इसलिए एडमिशन ज्यादा हुए हैं और कॉमर्स के बजाय साइंस चूज करने वाले छात्र बढे हैं।
इंजीनियरिंग और कॉमर्स वालों को नौकरी नहीं मिलती, इसलिए साइंस ले रहे हैं स्टूडेंट्स
उच्च शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों का मानना है कि जिस तरह इंजीनियरिंग का क्रेज एकदम से बढ़ा और फिर बाद में जॉब की कमी के कारण कम हो गया, उसी तरह पिछले वर्षों में कॉमर्स पास होकर निकले युवाओं को भी जॉब मिलने में तेजी से कमी आई है। इसलिए एक बार फिर स्टूडेंट्स ने साइंस में एडमिशन लेकर रिसर्च और मेडिसन के क्षेत्र में कॅरियर तलाशना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं चीन से आयात पर रोक के बाद भारत में फार्मेसी सेक्टर के तेजी से डेवलप होने से जॉब्स भी बढ़ेंगे।