जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आयुष विभाग के कमिश्नर का वह आदेश निरस्त कर दिया है जिसमें कमिश्नर ने डॉ मोनिका सोनी का ट्रांसफर आर्डर (शाजापुर से मंडीदीप) निरस्त कर दिया था। अब डॉ मोनिका सोनी मंडीदीप में ही कार्य करेंगी।
श्रीमति डॉ मोनिका सोनी, संविदा आयुष चिकित्सा अधिकारी का स्थानांतरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, खोखराकला, जिला शाजापुर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मंडीदीप जिला रायसेन, स्वयं के व्यय पर दिनाँक 10/07/2020 को किया गया था। श्रीमती डॉ मोनिका सोनी की खोखरा कला से कार्यमुक्ति के बाद, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मंडीदीप जिला रायसेन में उनके द्वारा, दिनाँक 15/07/2020 को उपस्थिति देकर कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। परंतु, लगभग दो महीने बाद आयुक्त आयुष द्वारा, दिनाँक 18/09/2020 को ट्रांसफर निरस्त कर उन्हे पूर्व स्थान पर कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था।
कमिश्नर के आदेश के खिलाफ श्रीमति डॉ मोनिका सोनी द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली गई। उनके अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा बताया गया कि ट्रांसफर आदेश का निष्पादन कर्मचारी द्वारा कर लिया गया था। दो माह के भीतर ट्रांसफर निरस्त किया जाना एवं पूर्व के स्थान पर उपस्थिति देना परिवार के लिए संकट जैसा था। कोर्ट ने माना, कि, निष्पादित ट्रांसफर को निरस्त करना विधिनुसार उचित नही है।
श्री अमित चतुर्वेदी, अधिवक्ता उच्च न्यायालय जबलपुर के तर्कों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सुनने के बाद, मिले जुले कारणों के आधार पर, आयुक्त आयुष के आदेश दिनाँक 18/09/2020 को हाई कोर्ट जबलपुर ने निरस्त कर दिया है। संविदा आयुष चिकित्सा अधिकारी, श्रीमती मोनिका सोनी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मंडीदीप, जिला रायसेन में ही कार्य करेंगीं।