नई दिल्ली। देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को सोमवार केंद्र सरकार ने एक और सुविधा दी है। यह सुविधा LTC या छुट्टी के साथ रियायत को लेकर है। अब इसके नियमों में बदलाव कर दिया गया है। इसके बाद से अब कर्मचारी अवकाश नगदीकरण के बिना ही मान्य LTC किराये का इस्तेमाल कर इस योजना का लाभ ले सकते है। यानी अब एलटीसी कैश वाउचर के लिए सरकारी कर्मियों के एक से अधिक बिल मान्य हो सकेंगे और कर्मचारी इस स्कीम का फायदा बिना लीव इनकैशमेंट के कर सकते है। इससे कर्मचारियों को काफी लाभ होगा। यदि किसी कर्मचारी के परिवार के चार सदस्य LTC के लिए पात्र है, तो कर्मचारी पात्र परिवार के एलटीसी हिस्से के बराबर आंशिक लाभ ले सकते है। वित्त मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि कर्मचारियों द्वारा दिए जाने वाले बिल उनके ही नाम पर होने चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि यह योजना वैकल्पिक है, ऐसे में यदि एलटीसी किराये का इस्तेमाल नहीं हो पाता है, तो सदस्य मौजूदा निर्देशों के तहत एलटीसी ले सकते है।
दरअसल सरकार ने 12 अक्टूबर को एलटीसी कैश वाउचर योजना की घोषणा की थी। इसका लाभ लेने के लिए कर्मचरियों को ऐसे उत्पाद और सेवाएं खरीदनी होंगी जिनपर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है। अभी तक कर्मचारियों को सिर्फ यात्रा पर ही इस सुविधा का लाभ मिलता था या फिर उन्हें यह राशि छोड़नी पड़ती थी। बता दें कि हर चार साल में केंद्रीय कर्मचारियों को अपनी पसंद की जगह या अपने गृहनगर की यात्रा करने के लिए LTC मिलता है लेकिन कोरोना महामारी के दौरान यात्रा करना संभव नहीं है इसलिए सरकार 31 मार्च, 2021 तक नकद वाउचर का भुगतान करेगी।
सरकारी कर्मचारी "चाइल्ड केयर लीव" के हकदार
केंद्र सरकार ने सरकारी पुरुष कर्मचारी जो एकल अभिभावक हैं, अब वे भी बच्चे की देखभाल (चाइल्ड केयर लीव) के हकदार होंगे। कार्मिंक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा सुझाये गये प्रमुख सुधारों की कड़ी में यह निर्णय लिया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीसीएल में वे कर्मचारी भी शामिल हो सकते है, जो विधुर या तलाकशुदा है। उन्होंने कहा कि यह आदेश कुछ समय पहले की जारी हो चुका है, लेकिन इसकी जानकारी अभी तक लोगों तक ठीक से नहीं पहुंच पाई है। इसके अलावा, लीव ट्रैवल कंसेशन (एलटीसी) का भी कर्मचारी लाभ उठा सकते है। भले ही वह चाइल्ड केयर लीव पर हो। छुट्टी लेने वाले पुरुष कर्मचारी को पहले 365 दिन 100 फीसद वेतन दिया जाएगा और अगले 365 दिन 80 फीसद वेतन मिलेगा। दिव्यांग बच्चों के मामलों में 22 साल की उम्र तक देखभाल अवकाश की शर्त को हटा दिया गया है। अब सरकारी कर्मचारी किसी भी उम्र तक बाल देखभाल अवकाश ले सकते है।
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