असली और नकली सीमेंट की पहचान कैसे करें - GK IN HINDI

Bhopal Samachar
दुनिया में जब से निर्माण कार्यों में सीमेंट का उपयोग शुरू हुआ है, शायद उसके एक दशक बाद से ही नकली सीमेंट की सप्लाई भी शुरू हो गई। यह बताने की जरूरत नहीं कि किसी भी प्रकार के निर्माण में यदि सीमेंट की क्वालिटी अच्छी नहीं हुई तो निर्माण की आयु कम हो जाएगी। नकली सीमेंट की स्थिति में मात्र 2 या 3 साल के भीतर दीवार में दरारें दिखाई देने लगती हैं। बाजार में सीमेंट एक जैसी नजर आती है। सवाल यह है कि असली और नकली सीमेंट की पहचान कैसे करें। 

बिना लैब असली सीमेंट पहचानने का तरीका

सीमेंट की बोरी में हाथ डालने पर अगर सीमेंट ठंडक दे तो सीमेंट अच्छी है।
सीमेंट का रंग एक सामान होना चाहिए। थोड़ा डार्क थोड़ा लाइट नहीं होना चाहिए।
उंगलियों के बीच में रगड़ते समय सीमेंट चिकना होना चाहिए।
दोनों हाथों में सीमेंट लेकर आपस में रगड़ने पर अगर सीमेंट फिसल जाए तो सीमेंट अच्छी है।
अच्छे सीमेंट की खासियत है कि वह पानी में डालने पर एकदम डूबता नहीं है बल्कि कुछ समय ऊपर तैरता रहता है। 

सीमेंट कैसे बनती है, क्या किसी खदान से निकलती है

सीमेंट किसी खदान से निकली हुई मिट्टी नहीं है बल्कि कैल्शियम, सिलिकॉन, लोहा और एल्यूमीनियम का एक निश्चित अनुपात में बनाया हुआ रासायनिक मिश्रण होता है। सीमेंट बनाने के लिए इन कच्चे मालों को सीमेंट निर्माण करने वाले संयंत्रों में गर्म कर के महीन पाउडर में बदल दिया जाता है। यह सीमेंट जब पानी के साथ मिश्रित होता है तो कठोर हो जाता है।

सबसे अच्छा सीमेंट कौन सा होता है

सबसे अधिक उपयोग होने वाला सीमेंट पोर्टलैंड सीमेंट होता है जो कि hydraulic cement (पानी डालने पर जमने वाला) होता है। सीमेंट की संरचना में ये सामग्रियाँ होती है (सीमेंट का फार्मूला):-
Lime (CaO) [60%-67%]
Silica (SiO2) [17%-25%]
Alumina(Al2O3) [3%-8%]
Iron (Fe2O3)
Magnesia (MgO)
Calcium sulfate (CaSO4)
Sulfur (SO3)
Alkalis
चूना या कैल्शियम ऑक्साइड सीमेंट का सबसे महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। सीमेंट में चूने की मात्रा लगभग 60 से 67% तक होती है। 

नकली सीमेंट कैसे बनता है, पहचान कैसे करें 

कुछ सालों पहले तक असली सीमेंट में राख मिला दी जाती थी ताकि उसका वजन बढ़ जाए। इस तरह की मिलावट निर्माण के लिए खतरनाक नहीं थी लेकिन अब जो हो रहा है वह बेहद खतरनाक है। बड़े प्रोजेक्ट्स में अधिक मात्रा में सीमेंट की सप्लाई होती है और काफी सारी सीमेंट निर्माण की प्रक्रिया के दौरान पानी के संपर्क में आने के कारण खराब हो जाती है। नकली सीमेंट की फैक्ट्री में इस तरह की डेड हो चुकी सीमेंट को मशीनों से पीस कर फिर से पाउडर बनाया जाता है और असली सीमेंट में मिला दिया जाता है। बताने की जरूरत नहीं की डेड सीमेंट किसी भी स्थिति में जमकर कड़क नहीं होगी बल्कि कुछ समय बाद टूट कर गिर जाएगी। यह समय 6 महीने भी हो सकता है और 6 साल भी। इस तरह की सीमेंट पहचानने का सिर्फ एक ही तरीका है। उंगलियों के बीच रगड़ते समय यदि पाउडर चिकना नहीं है तो मिलावट का स्तर बहुत ज्यादा है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

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