भारत के ऋषि-मुनियों ने चारपाई क्यों बनाई, बेड नहीं बना सकते थे क्या - GK IN HINDI

Bhopal Samachar
भारत की ज्यादातर आबादी इन दिनों एक ऐसे बिस्तर पर सोती है जिसकी सतह प्लाई की बनी होती है। देखने में डिजाइन बहुत अच्छा होता है। जबकि भारत में प्राचीन वैज्ञानिक जिन्हें हम ऋषि-मुनि के नाम से जानते हैं, ने विश्राम करने के लिए चारपाई बनाई थी। सवाल यह है कि उन्होंने चारपाई क्यों बनाई थी। क्या हुआ इस तरह के प्लाई वाले बेड या लकड़ी के पट्टे वाले बेड नहीं बना सकते थे। या फिर इसके पीछे कुछ और ही लॉजिक है। आइए थोड़ी चर्चा करते हैं:-

यदि आप आराम कुर्सियों को देखेंगे तो आपको चारपाई की टेक्नोलॉजी समझ में आ जाएगी। दोनों की झोली लगभग एक जैसी होती है। बच्चों के लिए जो पारंपरिक पालने होते हैं वह भी इसी प्रकार से बनाए जाते हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि चारपाई पर विश्राम करने से कमर और पीठ का दर्द नहीं होता। कुछ डॉक्टर्स भी कमर और पीठ के दर्द के मरीजों को पारंपरिक चारपाई पर विश्राम करने की सलाह देते हैं।

चारपाई का दूसरा फायदा यह है कि उसे बड़ी आसानी से खड़ा किया जा सकता है। उसके नीचे साफ सफाई की जा सकती है। जिससे किसी भी प्रकार की कीटाणुओं के पनपने की संभावना ही नहीं होती। जबकि अत्याधुनिक डिज़ाइनर डबल बेड के नीचे पूरा का पूरा किंग कोबरा आसानी से आराम कर सकता है। चारपाई की एक खास बात यह भी है कि गर्मियों के दिनों में डबल बेड की तुलना में गर्मी कम लगती है क्योंकि चारपाई नीचे से ओपन होती है।  Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article (current affairs in hindi, gk question in hindi, current affairs 2019 in hindi, current affairs 2018 in hindi, today current affairs in hindi, general knowledge in hindi, gk ke question, gktoday in hindi, gk question answer in hindi,)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!