नई दिल्ली। भारत सरकार ने शासकीय कर्मचारियों के हित में कई फैसले लिए हैं। कोविड-19 महामारी के कारण केंद्रीय कर्मचारियों को ₹10000 का ब्याज मुक्त फेस्टिवल शॉपिंग एडवांस दिया जा रहा है। इसके अलावा यात्रा छूट सुविधा (एलटीसी) को 25 सितंबर, 2022 तक के लिए बढ़ाया गया है। दिव्यांग पेंशनभोगियों के सहायकों के लिए भत्ता बढ़ा दिया गया है। सुनिधि परियोजना भी शुरू कर दी गई है। और पारिवारिक पेंशन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं:-
केंद्रीय कर्मचारियों को 10,000 रुपये का ब्याज रहित फेस्टिवल शॉपिंग एडवांस
सरकार की ओर से किए गए प्रावधान के तहत केंद्रीय कर्मचारी अपने लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) की रकम से त्योहारी सीजन के दौरान ऐसी वस्तुओं की खरीदारी कर सकेंगे जिन पर 12% या इससे अधिक की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दर हो। टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन जैसे कई कंज्यूमर गुड्स इस श्रेणी में शामिल हैं। उन्हें जीएसटी में पंजीकृत विक्रेता से 31 मार्च, 2021 से पहले यह खरीदारी करनी होगी। इसके लिए भुगतान डिजिटल माध्यम से करना होगा। खरीदारी पूरी तरह कर मुक्त होगी। साक्ष्य के रूप में जीएसटी की रसीद प्रस्तुत करनी होगी।
इन कर्मचारियों को होगी पात्रता
इस सुविधा का लाभ वही कर्मचारी ले सकेंगे जिन्होंने 2018 से 21 के दौरान एलटीसी की सुविधा नहीं ली है। एक शर्त यह है कि सुविधा उसे ही मिलेगी जो निर्धारित एलटीसी से तीन गुना खर्च करेंगे। केंद्रीय कर्मचारियों के साथ सरकारी बैंकों और केंद्रीय सार्वजनिक कंपनियों के कर्मचारियों के लिए भी यह सुविधा होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कदम से अर्थव्यवस्था में 19,000 करोड़ की मांग निकलेगी। अगर राज्य भी अपने कर्मचारियों को इस तरीके से एलटीसी वाउचर देते हैं तो 9000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग निकलेगी।
एडवांस के साथ मिलेगा रुपे कार्ड
सरकार सभी केंद्रीय कर्मचारियों को 10 हजार रुपये के एडवांस के साथ रुपे कार्ड देगी। इस ब्याज मुक्त एडवांस को 10 किस्तों में लौटाने की सुविधा होगी। यह एडवांस 31 मार्च तक खर्च करना होगा। रुपे से होने वाले भुगतान का शुल्क सरकार वहन करेगी। इस एडवांस राशि के रूप में 4000 करोड़ रुपये के भुगतान की उम्मीद है। अगर राज्य भी अपने-अपने कर्मचारियों को त्योहारी एडवांस देते हैं तो और 4000 करोड़ रुपये का वितरण हो सकता है।
पारिवारिक पेंशन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव
केंद्र सरकार ने पारिवारिक पेंशन के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया है। अब तलाक की याचिका लंबित रहने के दौरान भी दिवंगत केंद्रीय कर्मचारी की बेटी अब पारिवारिक पेंशन पाने की अधिकारी है। कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "पारिवारिक पेंशन पाने के लिए तलाकशुदा बेटियों के लिए नियमों में ढील दी गई है। अब बेटी तब भी पारिवारिक पेंशन पाने की अधिकारी होगी अगर उसका अंतिम रूप से तलाक नहीं हुआ है, लेकिन उसने अपने कर्मचारी माता या पिता के जीवनकाल में ही तलाक याचिका दाखिल कर दी थी।" पहले के नियम में तलाकशुदा बेटी को तभी पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकार था जबकि उसने अपने कर्मचारी माता या पिता के जीवनकाल में ही तलाक ले लिया हो। दिव्यांग बच्चों या भाई-बहन को पारिवारिक पेंशन प्रदान करने के लिए भी आदेश जारी किया गया है। अब दिव्यांगता प्रमाण पत्र अगर पेंशनभोगी माता या पिता की मृत्यु के बाद भी प्रस्तुत किया जाता है तो वे पेंशन पाने के अधिकारी होंगे बशर्ते दिव्यांगता माता-पिता के जीवनकाल में हुई हो।
केंद्र सरकार ने शुरू की परियोजना 'सुनिधि', यह है इसकी खासियत
केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी सूचना प्रौद्योगिकी परियोजना 'सुनिधि' शुरू किए जाने की घोषणा की है। इस पहल का मकसद कोयला खदान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) की भविष्य निधि और पेंशन से जुड़ी सभी गतिविधियों को डिजिटल रूप देना है। सीएमपीएफओ कोयला मंत्रालय के अंतर्गत एक सांवधिक निकाय है, जो कोयला खदान कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि की विभिन्न योजनाओं, पेंशन और जमा संबंद्ध बीमा योजनाओं का प्रबंधन करता है। कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'महात्मा गांधी जयंती पर सीएमपीएफओ 'सुपीरियर न्यू-जनरेशन इंफर्मेशन एंड डेटा हैंडलिंग इनिशिएटिव (सुनिधि) योजना की शुरुआत कर रहा है।
दिव्यांग पेंशनभोगियों के सहायकों के लिए भत्ता बढ़ाया
दिव्यांग पेंशनभोगियों के सहायकों के लिए परिचारक भत्ता 4,500 रुपये से बढ़ाकर 6,700 रुपये कर दिया गया है। सेवानिवृत्ति के बाद अपने बच्चों के साथ विदेश में बस गए वरिष्ठ नागरिकों की सहूलियत के लिए भारतीय दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों और उच्चायोगों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वहीं उन्हें जीवित होने का प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएं और पारिवारिक पेंशन शुरू कराएं। पेंशन वितरित करने वाले सभी बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि बैंक आने में असमर्थ पेंशनभोगियों को घर पर ही जीवित होने का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।
क्या है पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के अंतर्गत शामिल केन्द्र सरकार के कार्मिकों की पेंशन एवं सेवानिवृति लाभों से संबंधित नीतियां तैयार करने के लिए नोडल विभाग है। केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों/ कुटुंब पेंशनभोगियों के लिए पेंशन संबंधी नीति तैयार करने के अलावा यह विभाग पेंशनभोगियों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए भी तत्पर रहता है और पेंशनभोगियों की शिकायतों का निपटारा करने वाले मंच के रूप में कार्य करता है।
यात्रा छूट सुविधा (एलटीसी) को 25 सितंबर, 2022 तक के लिए बढ़ाया
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को यात्रा छूट सुविधा (एलटीसी) को और दो सालों यानी 25 सितंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना के तहत सरकार अपने कर्मचारियों को सपरिवार सैर-सपाटे के लिए जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, अंडमान निकोबार और पूर्वोत्तर के राज्यों जाने की सुविधा देती है। कर्मचारी यह सुविधा अपने गृह नगर या पुरानी पोस्टिंग के स्थान के लिए नहीं ले सकेंगे और उन्हें योजना का लाभ चार साल में एक बार लेना होगा। जिन कर्मचारियों को हवाई यात्रा की सुविधा नहीं होगी, वह भी इस योजना के तहत एकोनॉमी क्लास में हवाई सफर कर सकेंगे। सिंह ने गुरुवार को कहा कि योग्य कर्मचारियों को एलटीसी की सुविधा के तहत हवाई यात्रा के एकोनॉमी क्लास के टिकट बुक किए जाएंगे। यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए एयर इंडिया के अलावा निजी एयरलाइनों से भी यात्रा की सुविधा मिलेगी।
यह है यात्रा भत्ते का नियम
सेंट्रल सिविल सर्विसेज, (एलटीसी) नियम 1988 में दी गई छूट के मुताबिक केंद्र सरकार के कर्मचारी हवाई यात्रा के जरिये केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर के राज्यो के अलावा केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार जाने का अवसर दिया जाता है। अब यह कर्मचारी छुट्टियां मनाने के लिए इन स्थानों पर 25 सितंबर, 2022 तक जा सकेगे।
फेमिली पेंशन (EOFP) के लिए सात साल लगातार सेवा की अनिवार्य शर्त हटी
रक्षा मंत्रालय ने सैन्यकर्मी की मृत्यु होने की स्थिति में उसके परिवार को मिलनेवाली इनहांस्ड आर्डनरी फेमिली पेंशन (ईओएफपी) पाने के लिए सात साल लगातार सेवा की अनिवार्य शर्त हटा दी है। पहले सात वर्ष सेवा के बाद ही परिवार को यह पेंशन मिलती थी। यह पेंशन सैन्यकर्मी के आखिरी वेतन की आधी होती थी और यह उसकी मृत्यु के दिन से दस वर्ष तक परिवार को मिलती थी। सात वर्ष तक लगातार सेवा की आवश्यक शर्त को अक्टूबर, 2019 से हटा दिया गया है। ईओएफपी सैन्यकर्मी के वेतन की आधी होती थी तो आर्डनरी फेमिली पेंशन (ओएफपी) वेतन का 30 फीसद मिलती थी। रक्षा बल के वो कर्मी जिनकी मृत्यु सात साल की निरंतर सेवा पूरी किए बिना पहली अक्टूबर 2019 से पहले दस साल के भीतर हुई है, उनका परिवार भी पहली अक्टूबर 2019 से ईओएफपी के लिए पात्र होगा। यदि नौकरी छोड़ने, सेवानिवृत्ति, सेवामुक्ति के बाद सेवाकर्मी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी मौत से सात साल तक के लिए या उस समय तक जब कर्मी 67 साल का होता, जो भी पहले हो, तक के लिए ईओएफपी दी जाती है।